उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश और तूफान से मरने वालों की संख्या 34 से बढ़कर 46 हो गई है। कई दूरदराज के इलाकों और गांवों में अभी भी बचाव एवं राहत अभियान का इंतजार है। वहीं 11 व्यक्ति अभी भी लापता हैं।
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सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र उत्तराखंड का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र 'नैनीताल' है। अकेले नैनीताल में 28 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग अभी भी लापता हैं। उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक अभी तक अकेले नैनीताल जिले में बारिश एवं तूफान से 28 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। सबसे बड़ा हादसा नैनीताल के तल्ला रामगढ़ इलाके में हुआ। यहां एक मकान ढह जाने से उसमें 9 लोग दबकर मर गए। वहीं अल्मोड़ा में कुल 6 लोगों की मौत हुई है। पौड़ी, चंपावत और पिथौरागढ़ में 6 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। बागेश्वर में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। राज्य सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए की राहत राशि दी जाने की घोषणा की है।
उत्तराखंड स्थित कुमाऊ के भीमताल में मकान ढहने से एक बच्चा मलबे में दब गया है। अल्मोड़ा जिले में एक मकान पर पहाड़ी से मलबा आने के कारण तीन लोग दब गए हैं।
इनके अलावा 12 व्यक्तियों को गंभीर चोट आई है। बरसात के कारण 9 घर ध्वस्त हो गए। बारिश, भूस्खलन और तूफान के बाद जहां 46 व्यक्तियों के शव बरामद किए जा चुके हैं वही 11 व्यक्ति अभी भी लापता हैं। उत्तराखंड के कई अन्य स्थानों पर पर्यटकों के भी फंसे होने की सूचना है। पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार शाम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नैनीताल ने जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया है।
मूसलाधार बारिश के कारण नैनीताल का सड़क संपर्क बाकी क्षेत्रों से कट गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल व कुमांऊ क्षेत्र के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है। रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी से यात्रा व्यवस्थाओं तथा विभिन्न स्थानों पर रूके यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की।
नैनीताल, हल्द्वानी, काठगोदाम, रानीखेत, पौड़ी, लैंसडाउन, चमोली आदि क्षेत्रों में तेज बारिश और तूफान के कारण सड़कें टूट गई। कई स्थानों पर पुल और रेल की पटरी को भी नुकसान पहुंचा है। सामान्य सड़क परिवहन बाधित हुआ है। काठगोदाम में तो तेज बारिश के कारण रेलवे ट्रैक की पटरी उखड़ गई। रेलवे ट्रैक की पटरी बह कर नदी किनार गिर गई है।
रामनगर में कोसी नदी के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां मोहान और ढिकुली इलाके के कई रिजॉर्टस में पानी भर गया है। मोहान स्थित रिजॉर्ट से प्रशासन ने घंटों की मशक्कत के बाद 150 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला है।
बारिश और तूफान को देखते हुए फिलहाल उत्तराखंड में सभी स्कूल कॉलेज बंद रखे गए हैं। लोगों को यात्रा न करने की सलाह दी गई है। जिन इलाकों का संपर्क बाकी क्षेत्रों से टूट गया है वहां सड़क मार्ग पुन बहाल करने की कोशिश की जा रही है। नैनीताल के समीप कैंची धाम के आसपास भी सड़क टूटने से अल्मोड़ा और नैनीताल को जाने वाला मार्ग बाधित हो गया है। उत्तराखंड के तराई क्षेत्र हल्द्वानी को पहाड़ से जोड़ने वाले कई मुख्य सड़क मार्ग भी इस दौरान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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