भारतीय बाजार की अनदेखी नहीं की जा सकती : वैश्विक विशेषज्ञ

Last Updated 17 Nov 2024 06:54:16 PM IST

दुनिया के शीर्ष उद्योग विशेषज्ञों की राय है कि सरकार की सुधारात्मक पहलों और तेजी से बढ़ते टेक उद्योग के दम पर भारत एक ऐसा बाजार बन चुका है जिसकी कोई अनदेखी नहीं कर सकता।


हाल ही में "एशिया में निवेश के अवसर और व्यापार के बाद की प्रतिक्रिया" विषय पर आयोजित एक सेमिनार में एक प्रतिभागी ने कहा कि पांच साल पहले उभरते बाजार सूचकांक पर भारत का भारांक नौ प्रतिशत था। उन्होंने कहा, "यह अब 20 प्रतिशत से अधिक हो गया है। यह विकास की ऐसी गाथा है जिसमें कई संरचनात्मक और विभिन्न उत्पाद श्रेणियों में पैठ को लेकर काफी सकारात्मक चीजें है।"

सेमिनार का आयोजन डॉयचे बैंक के सहयोग से 'द एसेट' द्वारा किया गया था।

एमएससीआई के उभरते बाजार सूचकांक के अनुसार, शीर्ष पांच देशों का वेटेज लगभग 80 प्रतिशत है। हाल के वर्षों में भारत लगातार मजबूत हुआ है। जून 2024 में भारत सरकार के बांडों को जे.पी. मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट इंडिसेज में पहली बार शामिल किया गया था। पैनल में शामिल विशेषज्ञों ने कहा कि इससे भारत में अरबों डॉलर के निवेश का मंच तैयार हो गया है।

इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद बीजिंग की अर्थव्यवस्था और निवेशकों की भावनाओं पर बढ़ती चिंताओं का हवाला देते हुए, वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी सीएलएसए ने अपना "सामरिक आवंटन" चीन से भारत में स्थानांतरित कर दिया है। सीएलएसए ने अपने नोट में कहा है, "अमेरिकी बॉन्ड पर मिलने वाले ब्याज और मुद्रास्फीति की उम्मीदें फेड के लिए नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश कम कर देती हैं। इससे पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) के भी दरों में कटौती करने की संभावना कम होती है। हमें चिंता है कि इन मुद्दों को देखते हुए विदेशी निवेशक की खरीदारी पर ब्रेक लग जाएगा, जिन्होंने सितंबर में शुरुआती पीबीओसी प्रोत्साहन के बाद चीन में निवेश किया था। इसलिए हम अक्टूबर की शुरुआत में जारी अपने टैकटिकल आवंटन को उलट रहे हैं - चीन के मामले में हम बेंचमार्क पर लौट रहे हैं और भारत का वेटेज 20 प्रतिशत बढ़ा रहे हैं।"

उसने कहा कि एमएससीआई चीन और भारत दोनों में इस अवधि में अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, इसलिए स्विच करने में उसे कोई नुकसान नहीं हुआ है।

अगले साल सितंबर में प्रतिष्ठित एफटीएसई रसेल के उभरते बाजार सरकारी बांड सूचकांक में भारत को शामिल किया जाएगा। उद्योग जगत ने इसकी सराहना की है।

एफटीएसई रसेल ने घोषणा की है कि वह सितंबर 2025 में अपने उभरते बाजार सरकारी बॉन्ड सूचकांक (ईएमजीबीआई) में भारत के सरकारी बांड को जोड़ देगा। भारत के डेट को एफटीएसई के 4.7 ट्रिलियन डॉलर के उभरते बाजार बांड सूचकांक में शामिल किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने में छह महीने का समय लगेगा। इसका अंतिम वेटेज 9.35 प्रतिशत होगा, जो सूचकांक में चीन के बाद सबसे अधिक होगा।

एमएससीआई ऑल कंट्री वर्ल्ड इन्वेस्टेबल मार्केट इंडेक्स (एसीडब्ल्यूआई आईएमआई) में चीन को पछाड़कर भारत छठा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। वैश्विक सूचकांक दुनिया भर में पूंजी बाजार के प्रदर्शन को ट्रैक करता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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