उत्तराखंड में तबाही की बारिश, चारधाम यात्रा पर ब्रेक, 26 मरे
मानसून की शुरूआती बारिश ही उत्तराखंड के लिए आफत लेकर आई. मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
उत्तराखंड में तबाही की बारिश (फाइल) |
भारी बारिश के कहर से मरने वालों की संख्या में इजाफा होने की आशंका है क्योंकि उत्तराखंड में 50 लोग लापता हैं. केदारनाथ के पास पांच और शव बरामद होने के साथ ही उत्तराखंड में बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गयी है.
चमोली जिले में अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है क्योंकि इलाके के विभिन्न गांवों से करीब 50 लोगों के लापता होने की खबर है और बचाव अभियान जारी .
उन्होंने बताया कि केदारनाथ से लगे बासुकीताल में पांच शव बरामद किए गए हैं.
यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ सड़क मार्ग और पैदल मार्ग करीब एक दर्जन स्थानों पर पत्थर और मलबा गिरने से जाम है. उल्लेखनीय है कि पिछले 36 घंटे में हुई भारी बारिश के कारण कई मकान ध्वस्त हो गए वहीं भूस्खलन भी हुआ है.
भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना और उनकी सहायक नदियों में बाढ़ आ गयी और कई पुल, सड़कें और मकान बह गए.
इसके साथ ही जून माह में हुई बारिश का पिछले 88 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा पर ब्रेक लग गया है.
भारी बारिश के चलते विभिन्न घटनाओं में कम से कम 26 लोगों के मारे जाने की खबर है.
पहाड़ में तमाम नदियां उफान पर हैं और संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं जबकि हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है. प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है.
दूसरी ओर केदारनाथ धाम में भी भारी तबाही की खबर है. वहां कई आवासीय भवनों को क्षति पहुंचने का समाचार है लेकिन इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है.
रामबाड़ा में तमाम दुकानें, जीएनवीएन के पर्यटक अतिथि गृह समेत अन्य भवनों को नुकसान पहुंचने की खबर है.
गौरीकुंड में मंदाकिनी का रुख घोड़ा पड़ाव स्थित प्रीपेड काउंटर की ओर हो जाने से लोग जंगल की ओर भाग खड़े हुए. वहां कई दुकानें और गेस्ट हाउस क्षतिग्रस्त हुए हैं.
प्रभावित इलाकों से संपर्क नहीं
मौसम खराब होने से प्रभावित क्षेत्रों से संपर्क भी कट गया है. प्रभावितों तक किसी भी तरह से राहत नहीं पहुंच पा रही है.
भीषण वर्षा के तेवर को देखकर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं. हालात को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
राजधानी देहरादून में पिछले 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश ने राजधानी व आसपास के मैदानी इलाकों में जनजीवन की रफ्तार थाम दी है.
88 साल पहले जून 1925 में देहरादून में 24 घंटे में 188 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी. इस बार पिछले 24 घंटे के दौरान 220 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई जबकि रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम तक 146 मिमी. बारिश रिकार्ड की गई.
मूसलाधार बारिश से दून के कई क्षेत्रों में बारिश का पानी घरों के अंदर घुस गया तो कहीं मकान, छत, चहारदीवारी आदि ध्वस्त हो गई. प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.
दून के न्यू मिठ्ठीबेड़ी में घर के अंदर मलबा घुसने से वहां सो रहे तीन लोगों की दबने से मौत हो गई.
इसके साथ ही झीवरहेड़ी, भुड्डी, नया गांव, चंद्रबनी धर्मावाला, एमडीडी केदारपुरम, नया गांव हाथीबड़कलां,मोरोवाला, टर्नर रोड, क्लेमनटाउन, शिमला बाईपास, गोरखपुर चौक, बड़ोवाला, कारगी में लोगों के घरों व दुकानों में पानी घुस गया और घरों की दीवार ढह गई.
प्रेमनगर के पास नाले उफान पर आने के कारण घंटों लोग फंसे रहे.
पुलिस कालोनी कैनाल रोड पर सांई मंदिर के सामने निर्माणाधीन मकान का पुश्ता टूटने के कारण रोड बाधित रही.
उधर, शिवालिक के जंगलों का पानी तेजी से बस्तियों की तरफ बढ़ रहा है जिससे भारी तबाही होने की आंशका बनी हुई है.
चकराता कालसी में बारिश के चलते सड़कों पर मलबा आने के कारण लगभग 20 सड़कों पर यातायाता ठप हो गया.
कैंपटीफॉल चकराता, मसूरी चकराता, लंबीधार-कि माठी, संतलादेवी मार्ग पर भी मलवा गिरने के कारण इन मागरे पर भी यातायात बिल्कुल ठप हो गया.
मौसम विभाग के निदेशक डा. आनंद शर्मा ने अगले 36 घंटों तक बारिश जारी रहने की बात कही है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि बारिश से पहाड़ी इलाकों में भारी भूस्खलन हो सकता है.
श्री शर्मा की सलाह है कि जिन्होंने पहाड़ पर जाने का कार्यक्रम बनाया है, वह फिलहाल उसे रद्द कर दें और नदी-नालों के किनारे बसे लोग भी सावधान रहें. ऋषिकेश में भी गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं.
रविवार शाम तक गंगा वार्निग लेवल के करीब बही. इस दौरान तीर्थनगरी में 190 मिलीमीटर के आसपास बारिश दर्ज की गई. चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्री ऋषिकेश में फंसे हैं.
कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित
उत्तराखंड में अधिकारियों ने भारी बारिश और उसकी वजह से हुए भूस्खलन के कारण यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की चार धाम की यात्रा सोमवार को दूसरे दिन भी स्थगित रखी.
भारी बारिश के चलते वाषिर्क कैलाश मानसरोवर यात्रा भी निलंबित कर दी गई है.
आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन और भारी वर्षा को देखते हुए उत्तराखंड के बुद्द्धी में यात्रा को रोक दिया गया है. तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर रुके हुए हैं और स्थिति के सामान्य होने के बाद फिर से मार्ग को खोल दिया जाएगा.
पवित्र माउंट कैलाश पर स्थित भगवान शिव के वास का दर्शन करने और मानसरोवर के पवित्र झील में स्नान के लिए तीर्थयात्रियों के कुल 18 जत्थे वहां जाने वाले हैं.
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