RG Kar Case: दोषी को मौत की सजा दिलाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी ममता सरकार, BJP ने कहा- नौटंकी
आरजीकर रेप-मर्डर केस में सोमवार (20 जनवरी) को सजा का ऐलान हुआ था। दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अब इस मामले में ममता सरकार सियालदह कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गई है।
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आरजी कर मामले में मुख्य दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा होने पर बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है और फांसी की सजा देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसको जघन्य अपराध बताते हुए मृत्युदंड की सजा देने की बात कही है।
राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बार रशीदी की खंडपीठ से दोषी के लिए "मृत्युदंड" की मांग की है।
खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका स्वीकार कर ली है।
अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार शाम को घोषणा की कि राज्य सरकार फैसले को चुनौती देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार दोषी के लिए "मृत्युदंड" की मांग करेगी।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह एक जघन्य अपराध है जिसके लिए मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। हम अब उच्च न्यायालय में दोषी को मृत्युदंड दिए जाने की मांग करेंगे।"
उनके अनुसार, वह विशेष अदालत के फैसले से बहुत हैरान हैं, जिसने इस अपराध को "दुर्लभतम" नहीं माना।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि यह वास्तव में दुर्लभतम मामला है, जिसके लिए मृत्युदंड की आवश्यकता है। हम इस बहुत भयावह और संवेदनशील मामले में मृत्युदंड पर जोर देना चाहते हैं।"
मुख्यमंत्री के बयान में कहा गया, "हाल ही में, पिछले 3-4 महीनों में, हम ऐसे अपराधों में दोषियों के लिए मृत्युदंड/अधिकतम सजा सुनिश्चित करने में सक्षम रहे हैं। फिर, इस मामले में मृत्युदंड क्यों नहीं दिया गया?"
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने दोषी के लिए 'मृत्युदंड' की मांग की। अगर मामला हमारे हाथ में होता (राज्य पुलिस या कोलकाता पुलिस), तो मृत्युदंड बहुत पहले ही सुना दिया जाता।"
सजा का ऐलान करते हुए, विशेष अदालत के न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का यह तर्क कि मामले में रॉय का अपराध "सबसे दुर्लभ और दुर्लभ अपराध" था, मान्य नहीं है।
आरजी कर मामले में दोषी की फांसी को लेकर हाईकोर्ट जाना बंगाल सरकार की नौटंकी : भाजपा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसको जघन्य अपराध बताते हुए मृत्युदंड की सजा देने की बात कही है। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा विधायक शंकर घोष ने ममता बनर्जी के बयान पर कहा, "ममता बनर्जी को जो कदम उठाने चाहिए थे, उन्होंने नहीं उठाए। लोगों को मानना है कि ममता बनर्जी और उनका प्रशासन आरोपी संजय रॉय और उनके सभी साथियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए लोगों का खुन्नस ममता बनर्जी पर सबसे ज्यादा है। ममता बनर्जी आज संजय रॉय की फांसी मांग इसलिए कर रही हैं, क्योंकि उनके साथ जो मिले हैं, उनको बचाया जा सके। मुख्यमंत्री का यह सब सिर्फ नाटक है।
आरजी कर मामले के मुख्य दोषी संजय रॉय को फांसी नहीं होने पर भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा, "इससे बंगाल का हर व्यक्ति निराश है। लोगों की भावना आहत हुई है। सबसे दुखदायी बात यह है कि दोषियों को बचाने के लिए साजिश के तहत यह प्रक्रिया चली है। दोषी कोई भी हो, ऐसा नतीजा नहीं आना चाहिए था। मुझे लगता है कि अभी भी संभावना है कि साजिश को उजागर करके दोषी को सजा दी जाए।"
फैसले को चुनौती देते हुए और आरोपी को फांसी देने की मांग को लेकर बंगाल सरकार के हाईकोर्ट जाने पर भाजपा नेता ने कहा, इससे कुछ नहीं होने वाला है, सिर्फ पैसों की बर्बादी है। उन्होंने सबूतों को खत्म कर दिया है, आरोपियों को बचाने के लिए शासन और प्रशासन की पूरी ताकत लगा दी है। उनका फांसी मांगने और हाईकोर्ट का रुख करने के लिए क्या अधिकार बनता है। अगर ममता बनर्जी सच में चाहती हैं कि आरोपी को फांसी की सजा मिले, तो उनकी सरकार और प्रशासन सबूत जुटाकर कोर्ट को दे।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बयान में कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह एक जघन्य अपराध है जिसके लिए मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। हम अब उच्च न्यायालय में दोषी को मृत्युदंड दिए जाने की मांग करेंगे।"
उनके अनुसार, वह विशेष अदालत के फैसले से बहुत हैरान हैं, जिसने इस अपराध को "दुर्लभतम" नहीं माना।
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