भारत में कारोबारी डील गतिविधियों में 2024 में सालाना आधार पर बड़ा इजाफा देखने को मिला है। पिछले साल 116 अरब डॉलर की 2186 डील हुई हैं। सालाना आधार पर डील की संख्या में 33 प्रतिशत और वैल्यू में 76 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है।
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ग्रांट थॉर्नटन भारत 'वार्षिक डीलट्रैकर 2024' के मुताबिक, भारत जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। मजबूत घरेलू मांग के चलते देश की जीडीपी 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसके कारण देश में कारोबारी डील गतिविधियां उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। यह वैश्विक अनिश्चितता के बीच अर्थव्यवस्था की मजबूत को दिखाती है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत में ग्रोथ पार्टनर, शांति विजेता ने कहा, "हम 2025 में सरकारी सुधारों, स्थिर अर्थव्यवस्था और संपन्न टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम के कारण निरंतर मजबूत डील गतिविधि की संभावनाओं के बारे में आशावादी हैं, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत को निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं।"
विलय और अधिग्रहण के लिए भी यह साल काफी बेहतर रहा है।
2024 में कुल 44.1 अरब डॉलर की 683 विलय और अधिग्रहण डील हुई है। इस दौरान सालाना आधार पर डील की संख्या में 37 प्रतिशत और वैल्यू में 75 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
घरेलू कंसोलिडेशन के कारण भी विलय और अधिग्रहण को बढ़ावा मिला है। इस तरह की 23.5 अरब डॉलर की 479 डील हुई हैं। इनकी वैल्यू में सालाना आधार पर 64 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इनका नेतृत्व अदाणी ग्रुप, आदित्य बिड़ला समूह और नजारा टेक्नोलॉजीज जैसे कारोबारी समूहों ने किया।
रिपोर्ट में कहा गया कि आउटबाउंड विलय और अधिग्रहण में 121 डील हुई हैं और इनकी वैल्यू 16.9 अरब डॉलर रही। इसमें दो बिलियन डॉलर डील थी।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में हाई-वैल्यू डील (100 मिलियन डॉलर से अधिक) में 26 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में आगे कहा कि 2024 में 86 कंपनियों ने आईपीओ के जरिेए शेयर बाजार से 21 अरब डॉलर की राशि जुटाई थी। यह 2023 में आईपीओ के जरिए जुटाई गई 6.2 अरब डॉलर की राशि से तीन गुना से भी अधिक है।
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