उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (SP) पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा डॉ. लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन वह उनके मूल्यों और आदर्शों से बहुत दूर जा चुकी है।
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योगी ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के नौवें दिन विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के सामान्य बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय का जवाब देते हुए कहा, “मुझे अच्छा लगा कि नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात को दार्शनिक अंदाज में राम मनोहर लोहिया के अनुयायी के रूप में रखने का प्रयास किया, लेकिन वे खुद उसका आचरण कर पाते हैं या नहीं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं उन्हें सुझाव नहीं दे सकता, क्योंकि वह उम्र में काफी बड़े हैं और वैसे भी आज की ये समाजवादी पार्टी डॉ. लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन उनके मूल्यों एवं आदर्शों से बहुत दूर जा चुकी है।”
योगी ने कहा, “डॉ. लोहिया ने कहा था कि सच्चा समाजवादी वह है, जो संपत्ति और संतति से दूर रहे। आपकी पार्टी (सपा) के आचरण से आप देख सकते हैं कि वह लोहिया के मूल्यों एवं आदर्शों से कितनी दूर जा चुकी है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्होंने (डॉ. लोहिया) कहा था कि राम, कृष्ण और शंकर जब तक भारत के आदर्श हैं, तब तक भारत का कोई बाल बांका नहीं कर सकता। भारत की एकात्मकता के आधार इन देव महापुरुषों को जब तक भारत की जनता आदर्श के रूप में मानेगी, तब तक भारत भारत बना रहेगा।”
उन्होंने आरोप लगाया, “इन तीनों देव महापुरुषों में समाजवादी पार्टी का कोई विश्वास नहीं है, क्योंकि आप लोग भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं।”
नेता प्रतिपक्ष ने योगी को “प्लेटो का संत” कहते हुए भी उनकी सोच को सांप्रदायिक करार दिया था।
योगी ने पलटवार करते हुए सवाल किया, “आपने कहा कि हमारी सोच सांप्रदायिक है, आप बताइए हमारी सोच कहां सांप्रदायिक है। हम तो ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात कर रहे हैं। हमारा तो आदर्श है-सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका सबसे आदर्श उदाहरण है कि जब 26 फरवरी को महाकुंभ मेले का समापन हुआ, तो उस दिन के आयोजन ने न केवल देश, बल्कि दुनिया के सामने भारत के विकास और विरासत की अनुपम छाप छोड़ी।
उन्होंने सवाल किया, “क्या उसमें कोई भेदभाव हुआ? उसमें न तो जाति का भेदभाव, न ही क्षेत्र का भेदभाव, न ही मत और मजहब का भेदभाव था। 100 से अधिक देशों के लोग आए।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 93 सदस्यों ने सामान्य बजट पर चर्चा में हिस्सा लिया, जिसमें सत्ता पक्ष के 59 और नेता प्रतिपक्ष समेत विपक्षी दलों के 34 सदस्य शामिल है। उन्होंने इन सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
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