हर साल 4 मार्च को ‘विश्व मोटापा दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन मोटापे को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है। मोटापे को नियंत्रित करने और इससे होने वाले नुकसान के बारे में उन्हें जानकारी दी जाती है।

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विश्व मोटापा दिवस के अवसर पर आईएएनएस ने सी.के. बिरला अस्पताल के डॉ. तुषार तायल से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि विश्व मोटापा दिवस हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। विश्व मोटापा संघ ने 2015 में इसे मनाने की शुरुआत की थी। इस दिन लोगों को मोटापे को लेकर जागरूक किया जाता है और उन्हें यह बताया जाता है कि कैसे खुद को मोटापे से बचा सकते हैं, क्योंकि मोटापा कई प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है। ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि कोई भी व्यक्ति अपना वजन काबू में रखे।
डॉक्टर बताते हैं कि अगर मोटापे को नियंत्रित नहीं किया गया, तो शरीर में कई प्रकार की बीमारियां दस्तक दे सकती हैं, जिसमें प्रमुख रूप हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल स्टॉक, डायबिटीज, सांस की समस्या, जोड़ों की बीमारियां, लीवर और किडनी की समस्या हो सकती है।
इसके साथ ही डॉक्टर मोटापे से बचने के लिए कई प्रकार की सलाह देते हुए कहते हैं कि आपको अपना आहार संतुलित रखना चाहिए, ताकि आप अपने वजन को संतुलित रख सके।
डॉ. तायल का कहना है कि संतुलित आहार में ताजा फल, सब्जियां, प्रोटीन की उचित मात्रा शामिल है। इसके अलावा, आप नियमित रूप से व्यायाम भी कर सकते हैं। दिन में 30-45 मिनट तक व्यायाम कर सकते हैं।
वह बताते हैं कि मोटापे को काबू करने के लिए पर्याप्त नींद आवश्यक है। नींद नहीं लेने की वजह से इसका सीधा असर आपके वजन पर पड़ता है। इसके अलावा, जंक फूड के सेवन से बचें।
वह कहते हैं, "हां... बिल्कुल, इस बात की संभावना है कि किसी भी व्यक्ति में मोटापा अनुवांशिक हो सकता है, क्योंकि कई मामलों में आपकी जीवनशैली कैसी है, आपका खाना-पाना कैसा है, आपका रहन-सहन कैसा है, इसका भी असर आपके वजन पर पड़ता है।"
डॉ. बताते हैं कि मोटापा कई मामलों में मानसिक बीमारियों का भी कारण बन सकता है। मसलन, तनाव, चिंता हो सकती है। इसके साथ ही कई मामलों में समाज में 'बॉडी शेमिंग' जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है। कई मामलों में अनिद्रा की समस्या भी पैदा हो सकती है।
डॉ. तायल ने बताया कि कई बार मोटापा मौत का कारण भी बन सकता है, क्योंकि यह अनेक प्रकार की खतरनाक बीमारियों को भी जन्म देता है, जिसमें दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, कैंसर, किडनी और लीवर फेल्योर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
उन्होंने बताया कि यदि किसी का बीएमआई 30 से अधिक है, तो उसे मोटापे को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए। यदि किसी पुरुष की कमर 40 इंच से ज्यादा और महिला की कमर 35 इंच से ज्यादा है, तो उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए।
डॉक्टर बताते हैं कि यदि सांस लेने में दिक्कत, जोड़ों में दर्द और सोने में दिक्कत हो रही है, तो ऐसी स्थिति में तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह समय रहते अपने वजन को काबू में कर ले, नहीं तो कई प्रकार की बीमारियां उसके शरीर पर हमला कर सकती हैं।
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