उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उपचुनाव को लेकर दाखिल याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी है।
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अधिवक्ता ने बताया कि सारी पार्टी और चुनाव लड़ने वाले लोगों को नोटिस कराया जाना चाहिए। सबका ऑब्जेक्शन रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। हमने सबको नोटिस कराया था। अखबार में पब्लिकेशन करवाया जाना चाहिए। कोर्ट ने हमारी अपील सुनी और याचिका वापस लेने की परमिशन दे दी है। अब मिल्कीपुर में चुनाव आयोग कभी भी चुनाव करा सकता है।
अवधेश प्रसाद के वकील की ओर से सोमवार को विरोध दर्ज नहीं कराया गया। पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने कहा कि दो याचिका वापस हो गई है। एक मेरे द्वारा थी, दूसरी शिवमूर्ति के द्वारा। सपा के झूठ के पोल खुल गई। मिल्कीपुर में जल्द चुनाव होगा। वहां भाजपा बड़े वोटों से जीत दर्ज करेगी। वहां की जनता को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब, वहां का जल्द विकास होगा।
पूर्व भाजपा विधायक बाबा गोरखनाथ ने एक याचिका दाखिल की थी। इसमें उन्होंने 2022 में मिल्कीपुर सीट से सपा के अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि अवधेश प्रसाद के नामांकन पत्रों में विसंगतियां हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस लेने की अर्जी डाली थी। मामले में सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिका को वापस लेने की मंजूरी दी। इससे मिल्कीपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
गौरतलब हो कि यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना था। लेकिन, उपचुनाव घोषणा के समय याचिका की वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव रोक दिया गया था। 23 नवंबर को उपचुनाव के परिणाम आए हैं। इसमें भाजपा समर्थित एनडीए को सात सीटों पर जीत मिली। सपा को महज दो सीटें मिल सकीं।
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