भारत में गाड़ियों की बिक्री जनवरी में 15.53 प्रतिशत बढ़कर 4,65,920 यूनिट्स हो गई है। यह जानकारी फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा गुरुवार को दी गई।
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एफएडीए के अध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने कहा, "पीवी (यात्री-वाहन) की बिक्री में जोरदार वृद्धि हुई है। हालांकि, इसमें से कुछ बढ़ोतरी 2025 मॉडल वर्ष के लाभ के लिए जनवरी में पंजीकृत दिसंबर की खरीदारी से हुई है।"
उन्होंने आगे कहा, "इन्वेंट्री स्तर में सुधार हुआ है, जो लगभग पांच दिन घटकर 50-55 दिनों पर आ गया है, जो आपूर्ति-मांग संतुलन में सुधार का संकेत देता है। कई डीलरों ने मांग में सुधार देखा है। पिछले वर्ष दिए गए अधिक डिस्काउंट ने पुराने मॉडल को समाप्त करने में मदद मिली है।"
एफएडीए की रिपोर्ट में कई सकारात्मक संकेतों के बारे में बताया गया है, जिसने गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने में मदद की है। इसमें शादियों का सीजन और प्रमोशन शामिल है। साथ ही उम्मीद जताई गई शादियों के सीजन के कारण मांग बढ़ सकती है।
इसके अलावा बताया गया कि बजट 2025-26 में आयकर छूट की सीमा को 12.75 लाख रुपये तक किए जाने के कारण करीब एक करोड़ लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा। इससे वाहनों की मांग को बढ़ावा मिलेगा।
नए मॉडल लॉन्च, चल रहे शादी सीजन की मांग और बढ़े हुए फाइनेंस विकल्पों के कारण दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 4.15 प्रतिशत बढ़कर 15,25,862 इकाई हो गई है, जिससे खरीदारी को बढ़ावा मिल रहा है।
ऊंची माल ढुलाई दरों और यात्री को ले जाने वाले वाहनों की मांग में बढ़ोतरी के कारण वाणिज्यिक वाहन की बिक्री सालाना आधार पर 8.22 प्रतिशत बढ़कर 99,425 इकाई हो गई, जबकि तिपहिया वाहनों की बिक्री 6.86 प्रतिशत बढ़कर 1,07,033 इकाई हो गई।
अच्छे फसल सीजन के कारण ट्रैक्टर की मांग में भी उछाल देखने को मिला है और बिक्री सालाना आधार पर 5.23 प्रतिशत बढ़कर 93,381 यूनिट्स हो गई है।
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