कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस के आदेश से छुआछूत को बढ़ावा मिल सकता है: मुख्तार अब्बास नकवी

Last Updated 19 Jul 2024 05:15:10 PM IST

कांवड़ यात्रा को लेकर जारी पुलिस के आदेश पर उत्तर प्रदेश में सियासी बवाल मच गया है। जिसमें पुलिस ने सभी ढाबों, खाने-पीने की दुकानों और दुकानदारों को नेम बोर्ड टांगने के आदेश दिए। इसे लेकर विपक्षी नेता पहले से ही आक्रामक थे, अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने भी तंज कसना शुरू कर दिया है।


पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी

पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि यह आदेश छुआछूत की बीमारी को बढ़ावा दे सकता है। आस्था का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन अस्पृश्यता की रक्षा नहीं की जानी चाहिए।

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "मुजफ्फरनगर पुलिस ने आखिरकार जन भाईचारे और विपक्ष के दबाव में होटल, फल विक्रेताओं और रेहड़ी-पटरी वालों के नाम प्रदर्शित करने और प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर अपनी पीठ थपथपाई। शांति और व्यवस्था से प्रेम करने वाले लोग इस बात पर विश्वास नहीं करने वाले हैं कि ऐसे आदेशों को पूरी तरह से खारिज कर दिया जाना चाहिए। माननीय न्यायालय को सकारात्मक रूप से हस्तक्षेप कर सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार व प्रशासन भविष्य में इस प्रकार का कोई भी विभाजनकारी कार्य नहीं करेगा। यह प्रेम और सद्भाव से जन्मी एकता की जीत है।"

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, "पश्चिमी यूपी और मुजफ्फरनगर जिले में कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी होटलों, ढाबों, स्टालों आदि के मालिकों का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का सरकार का नया आदेश एक गलत परंपरा है जो सद्भाव को बिगाड़ता है। सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। दरअसल, यूपी के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग करीब 250 किलोमीटर का है। इस मार्ग पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों, ढाबों, भोजनालयों के साथ-साथ रेहड़ी-पटरी वालों को अपने नाम की तख्तियां टांगने का आदेश दिया गया है। मुजफ्फरनगर के साथ-साथ सहारनपुर और शामली जैसे शहरों में भी आदेश जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के इस आदेश के बाद विवाद भी बढ़ गया है और विपक्षी दल सत्ता पक्ष पर हमलावर हैं।

समयलाइव डेस्क
उतर प्रदेश


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