लखनऊ के विभूति खंड क्षेत्र में हाल ही में कुछ अधिवक्ताओं से मारपीट करने और साजिशन मुकदमे में फंसाने के आरोप में छह उप निरीक्षक समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस सूत्रों ने गुरूवार को यह जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि बुधवार देर रात विभूति खंड थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
उन्होंने शिकायत के हवाले से बताया कि 23 फरवरी की रात विभूति खंड स्थित ‘समिट बिल्डिंग’ में खाना खाने गए अधिवक्ता अभिषेक सिंह चौहान, रोहित रावत, अभिषेक पांडे, मुकुल सिंह और उनके कुछ अन्य साथियों को, दो पक्षों के बीच झगड़े की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे उपनिरीक्षक राहुल बालियान और उनके साथ ही पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह पीटा।
उन्होंने बताया कि इससे अधिवक्ता रोहित रावत का हाथ टूट गया और अभिषेक चौहान की नाक की हड्डी टूट गई।
रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने पीड़ित अधिवक्ताओं को रातभर थाने में बैठा कर उनके साथ ‘‘अपमानजनक व्यवहार’’ किया और ‘समिट बिल्डिंग’ में दो पक्षों के बीच हुए झगड़े के मामले में साजिशन इन अधिवक्ताओं को भी ‘‘अभियुक्त’’ बना दिया।
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में उप निरीक्षक राहुल बालियान, जसीम रजा, प्रमोद कुमार सिंह, फूलचंद, रितेश दुबे और विनय गुप्ता तथा सिपाही ए. के. पांडे के खिलाफ नामजद तथा 10-12 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव करना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना) और 504 (धमकाना) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
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