राममंदिर की नींव का काम अंतिम दौर पर, अब तक 46 लेयर का काम पूरा
रामनगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम तेज गति से चल रहा है। पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। नींव का कार्य अंतिम दौर पर पहुंच चुका है। अब तक 46 लेयर पड़ चुकी है, 48 लेयर डाली जानी है।
राममंदिर की नींव का काम अंतिम दौर पर, अब तक 46 लेयर का काम पूरा |
श्री राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक किया गया पूरा कार्य गुरुवार को मीडिया को आमंत्रित करके ट्रस्ट और इंजीनियरों की टीम ने सार्वजनिक कर दिया। पूरे देश को राम मंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराया गया। भारी बारिश के बीच पहुंचे पत्रकारों ने राम मंदिर निर्माण की प्रगति का लाइव प्रसारण किया।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण की नींव भराई का कार्य अंतिम चरण में है, अब तक 46 लेयर पड़ चुकी है, 48 लेयर डाली जानी है। इसके बाद राट का निर्माण होगा। बताया कि दिसंबर 2023 तक मंदिर में रामलला का दर्शन भक्तों को प्राप्त होने लगेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा गर्भ गृह में रामलला तो दूसरे तल पर राम दरबार विराजित होगा। मंदिर का परकोटा साढ़े 6 एकड़ में बनाया जाएगा।
चंपतराय ने मंदिर निर्माण की गति को लेकर भी आश्वस्त किया। कहा, बरसात और मौसम की अन्यान्य प्रतिकूलता के बावजूद मंदिर निर्माण की प्रक्रिया अपेक्षित गति से आगे बढ़ रही है।
निर्माण की प्रक्रिया में सहयोगी कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशंसित करते हुए तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव कहते हैं, नींव के निर्माण में दो-दो, तीन-तीन शिटों में लगातार चौबीसों घंटे काम चलता रहा है और आगे भी निर्माण की ऐसी ही गति बनी रहेगी।
ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि 48 लेयर के ऊपर बनने वाली आधार भूमि अब तक बने लेयर से 10 गुना ज्यादा मजबूत होगी। जिससे कि मंदिर की नींव हजारों-हजारों साल चल सके। उन्होंने बताया कि आधार भूमि पर बिछाने के लिए मिर्जापुर के पत्थर परिसर में आ गए हैं। इसके ऊपर राम चबूतरा बनेगा और राम चबूतरे के ऊपर मंदिर का निर्माण होगा।
चंपत राय ने बताया कि राजस्थान से बंसी पहाड़पुर के पत्थरों को लेकर अवरोध दूर हो गया है। नवंबर से पत्थरों का आगमन शुरू हो जाएगा। मंदिर में 3 तरीके के पत्थरों का इस्तेमाल होगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण का प्रथम चरण पूरा हो चुका है। अगर आज वर्षा ना होती मंदिर बुनियाद की आखिरी लेयर आज पड़ चुकी होती। दूसरा फेज हम 2 महीने में पूरा कर लेंगे।
दूसरा फेस पूरा होने के बाद एक बार फिर जानकारी सभी को दी जाएगी और बाद में तीसरा चरण होगा। इस प्रक्रिया में 3 से 4 महीने अभी लग सकते हैं। प्रथम चरण मंदिर बुनियाद का काम पूरा हो चुका है।
राम मंदिर निर्माण का कार्य कर रही एलएनटी के इंजीनियर विनोद मेहता ने बताया कि रामलला का भव्य मंदिर जहां पर बनाया जा रहा है, यह उसका फुटप्रिंट है। हम लोग जिस लेवल पर खड़े हैं, उसी लेवल पर यहां पर खुदाई चालू हुई थी। इसी लेवल पर 5 अगस्त को प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन किया था। खुदाई चालू होने के बाद 40 फुट हम लोग नीचे गए।
उन्होंने कहा कि नीचे जाने का मुख्य कारण था, गर्भ ग्रह के नीचे काफी मलबा था। जिसे पूरा निकालकर के हम उस लेवल पर पहुंचे, जहां पर हमें लेबल मिला था।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि नींव का काम अंतिम दौर पर चल रहा है। एक दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा।
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