किसानों की पीड़ा सुनने को तैयार नहीं है मोदी सरकार: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि पूंजापति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिये केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पिछले 90 दिनों से धरने पर बैठे किसानो की पीड़ा सुनने को तैयार नहीं है।
प्रियंका गांधी वाड्रा |
वाड्रा ने बघरा में किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज किसान से लूट हो रही है और पीएम के दो पूंजीपति मित्रों को छूट दी गयी है। 90 दिनों से लाखों किसान इस देश की राजधानी दिल्ली के बाहर बैठे हुए है, संघर्ष कर रहे है आंदोलन कर रहे है। 215 किसान शहीद हुए। बिजली काटी गयी,पानी रोका गया,उन्हे मारा पीटा गया। वे शांति के साथ बैठे थे। देश की राजधानी की सीमा को इस तरह से बनाया गया जैसे देश की सीमा हो और तमाम पुलिस फोर्स लगायी गयी। किसानों को प्रताड़ित किया गया।
उन्होने कहा कि किसान को अपमानित किया गया और उसे देशद्रोही और आतंकवादी कहा। प्रधानमंत्री ने किसान का मजाक उडाया और उसे परजीवी व आंदोलन जीवि कहा। इंसान की तरह देश का भी हृदय होता है उस हृदय के धडकने से देश जीवित होता है। मेरा मानना है कि हमारे देश का हृदय उसका दिल किसान है जो जमीन से जुडा है। जमीन को सींचता है उसे उपजाऊ बनाता है। इस देश का अन्नदाता देश को जीवित करता है लेकिन आज जब चौधरी टिकैत के आंखों में आंसू आते है तो प्रधानमंत्री के होठों पर मुस्कुराहट आती है उन्हे मजाक सूझता है।
कांग्रेसी नेता ने कहा ‘‘ प्रधानमंत्री ने हर चुनाव में यह वादा किया था कि गन्ने का भुगतान आपको दिया जायेगा । किसान को गन्ने का भुगतान अब तक नहीं मिला। सरकार कहती है कि किसान की आमदनी दुगनी होगी लेकिन नहीं हुई। पूरे देश में गन्ने का बकाया भुगतान 15 हजार करोड रूपये है जबकि दुनिया की सैर के लिये प्रधानमंी ने दो हवाई जहाज खरीदे और उनकी कीमत 16 हजार करोड रूपये है। आपके गन्ने के भुगतान से ज्यादा उनके हवाई जहाज की कीमत है उनके पास उन्हे खरीदने के लिए पैसे है लेकिन किसान के गन्ना भुगतान के पैसे नहीं है। ये स्थिति आज देश की है।’’
वाड्रा ने कहा कि भाजपा ने सरकार बनने के 14 दिनों के भीतर बकाये के भुगतान का वादा हुआ था लेकिन पिछले चार सालों में कोई दाम गन्ने का नहीं बढा। दूसरी ओर दिल्ली में इंडिया गेट और आसपास के क्षेा की इमारतों के सौंदर्यीकरण के लिये 20 हजार करोड रूपये की योजना बन रही है लेकिन भुगतान के 15 हजार करोड उपलब्ध नहीं है। डीजल 2018 में 60 रूपये में मिलता था आज कहीं 80 तो कहीं 90 रूपये में मिल रहा है। बिजली बिल बढ रहे हे, गैस सिलेंडरों की कीमत बढ रही है लेकिन गन्ने का दाम नहीं मिल रहा है।
उन्होने कहा ‘‘ बिजनौर जाने पर कुछ किसानो ने मुझे पर्चियां दिखाई जिन पर जीरो-जीरो लिखा था। भाजपा सरकार में पिछले साल डीजल पर जो टैक्स लगाया उससे साढे तीन लाख करोड रूपये कमाये मैं पूछती हूं कि कहां गये वे रूपये। 2014 से अब तक मोदी सरकार ने पैट्रोल डीजल पर टैक्स बढाकर 21 लाख 50 हजार करोड़ रूपये कमाये आखिर वो पैसा कहां गया।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा ‘‘ किसान प्रताडित होकर अपनी समस्या लेकर प्रधानमंत्री के पास आया तो उनकी बात क्यों नहीं सुनी गयी। जब पूरा देश तडप रहा है तो आप देखेंगे एक दो अरबपतियों ने हजारों करोड रूपये कमाया है और किसान अपने हक के लिए आंदेालन कर रहा है कोई सुनने को तैयार नहीं है। तीन कानूनों को आप जानते ही होगे। पहला कानून प्राईवेट मंडिया लगेगी और सरकारी मंडियों में जो टैक्स लिया जाता है वो प्राइवेट मंडियों में नहीं लिया जायेगा इसका मतलब सरकारी मंडिया बंद हो जायेगी और आप जानते है कि सरकारी मंडियों से न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है। प्राईवेट मंडिया के खुलने से और उनकेा मजबूत बनाने से क्या होगा। बड़े-बडे खरबपतियों की मनमानी होगी। जब खरीदना चाहते है तभी खरीदेंगे जब बेचना चाहते है तभी बेचेंगे। ’’
उन्होने कहा ‘‘ दूसरे कानून के अनुसार कान्ट्रेक्ट फार्मिग होगी इसका मतलब यह है कि बड़े बडे अरबपति आपके साथ एक सौदा कर सकते है कि देखिये आप दस लोग है आप हमारे लिए गन्ना उगाईये तो हम आपको इसके लिए 500 रूपये देंगे लेकिन जब आप उसको उगायेंगे तो अगर उस खरबपति का मन हो तो वो आपसे कह सकता है कि न मैं आपको रूपये दूंगा और न ही गन्ना चाहता हूं । उसको कहने की अनुमति है क्योंकि इस कानून के तहत कोई सुनवाई नहीं है आप अदालत में जाना चाहेंगे तो आप अपने हक के लिए लड नहीं सकते। केवल एसडीएम के यहां आपकी सुनवाई होगी।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि नये कानूनों के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म होगा, सरकारी मंडिया खत्म होगी और आपके हक खत्म होंगे। जिस तरह से दो तीन मित्रों को पूरे देश को बेचा जा रहा है उस तरह आपको और आपकी जमीन को और आपकी कमाई को ये अपने खरबपति मित्रों को बेच देंगे।
कांग्रेसी नेता ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री पुरानी कहानियों के अहंकारी राजा की तरह हो रहे है। उनको समझ नहीं आ रहा है जो जवान देश की सीमा को सुरक्षित रखता है वह जवान किसान का बेटा है उस जवान का आदर करना चाहिए, किसान का आदर करना चाहिए। वे कहते है कि कानून किसानों के लिए बना है तो क्या वो बता सकते है किस किसान से बात कर ये कानून बनाया और यदि देश का किसान कानून नहीं चाह रहा है तो सरकार इसे समाप्त क्यों नहीं करती।
वाड्रा ने कहा कि जब राजा अहंकार में आ जाता है तो देश की जनता उसे सबक सिखाती है। अहंकारी सरकार अपनी माया से निकले और इन्हे समझ में आये कि इनका धर्म क्या है। भाजपा सरकार ने छोटा व्यापारी की कमर तोडी, किसान की कमर तोडी, गरीब उनको मदद नहीं की और अपने पूंजीपतियों मित्रों की ही मदद की।
उन्होने कहा कि अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे अन्नदाताओं के साथ कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता खडा रहेगा। वह और उनके भाई राहुल किसानों के साथ है। हमारी जात और हमारा धर्म देश का किसान है।अंत में उन्होंने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानो की आत्मा की शांति को दो मिनट का मौन रखा।
रैली में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, जिलाध्यक्ष सुबोध शर्मा,पूर्व सांसद सईदुज्जमा, पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व जिलाध्यक्ष बिलकिश चौधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र पाल सिंह वर्मा, पूर्व विधायक पंकज मलिक, पूर्व विधायक इमरान मसूद,कमल किशोर, पूर्व सांसद दीपेन्द्र हुडडा, पूर्व मंत्री दीपक कुमार, आचार्य प्रमोद कृष्णम आदि मौजूद थे।
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