उन्नाव कांड पर सियासत शुरू, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ जिग्नेश और चन्द्रशेखर भी कूदे
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में संदेहास्पद हालत में बुआ-भतीजी की मौत व एक किशोरी के गंभीर रूप से घायल होने की घटना अब तूल पकड़ने लगी है और इस पर सियासत भी शुरू हो चुकी है।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर इस मुद्दे पर सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि, "केवल दलित समाज को ही नहीं, यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को भी कुचलती जा रही है। लेकिन वे याद रखें कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों की आवाज बनकर खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाकर ही रहेंगे।"
केवल दलित समाज को ही नहीं यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को भी कुचलती जा रही है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 18, 2021
लेकिन वे याद रखें कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों की आवाज़ बनकर खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाकर ही रहेंगे।#Save_Unnao_Ki_Beti
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि, "उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज मिलना जांच-पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है। खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा? यूपी सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुने एवं त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए।"
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि, "कब तक चुप रहोगे। आज उन्नाव है, कल तुम्हारा जिला होगा, आज उनका गांव है, कल तुम्हारा होगा, आज दलित बेटियां पेड़ों से बंधी मिल रही हैं कल तुम बंधे मिलोगे। याद रहे, मूक दर्शक बन कर बर्बादी का तमाशा देखने वालों को इतिहास कायर कहता है। डराओ, धमकाओ, मुकदमा करो, मैं बेटियों के साथ हूं।"
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा, "उन्नाव की तीसरी बेटी को तुरन्त इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए। हर हाल में बच्ची को बचाना है।"
भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि, "हाथरस की घटना में सरकार ने बेटी को दिल्ली रेफर करने में बहुत देर लगाई। हमारी मांग उन्नाव की बेटी के जीवन की सुरक्षा के लिये है। सरकार हमारी मांग मानने में देरी क्यों कर रही है जबकि ये सबसे जरूरी कदम है। चुप्पी तोड़े वरना अब मजबूरी में एक ही रास्ता बचेगा कि हम उन्नाव कूच करें।"
उन्होंने कहा कि, "भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी की टीम कानपुर, जहां पीड़ित बेटी भर्ती है, वहां पहुंच चुकी है। सरकार जान ले उन्नाव में हम, हाथरस नही दोहराने देंगे। उन्नाव केस की एकमात्र गवाह बच्ची का बेहतर इलाज व उसकी सुरक्षा सबसे जरूरी है। बच्ची को तत्काल एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया जाए। उत्तरप्रदेश सरकार का अपराधियों को संरक्षण व अपराधियों के मामले में सरकार की कार्यशैली को देश हाथरस कांड में देख चुका है।"
वहीं, गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि, "उत्तर प्रदेश के सभी लोगों से मेरी अपील है कि जब तक उन्नाव की दुर्घटना की पीड़ित बहनों के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक उनकी लाश को स्वीकार न करें, न्याय के लिए दबाव बनाएं। एक बहन की अच्छे से अच्छे अस्पताल में चिकित्सा की जाए।"
ज्ञात हो कि यूपी के उन्नाव जिले में लड़कियों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बुआ-भतीजी के शव व चचेरी बहन के गंभीर हालत में मिलने से हर कोई हतप्रभ है। दो लड़कियों की मौत हो चुकी है जबकि तीसरी लड़की कानपुर के रिजेंसी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है। विपक्ष इस मामले में लड़की को दिल्ली एयरलिफ्ट करने की मांग कर रहा है। बबुरहा गांव छावनी में तब्दील हो गया है।
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