उत्तराखंड तबाही: यूपी से 70 लोग लापता, योगी सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

Last Updated 09 Feb 2021 11:05:12 AM IST

उत्तराखंड में आई तबाही के बाद उत्तर प्रदेश के करीब 70 लोगों के लापता होने की खबर है। सीएम योगी ने मंगलवार को उत्तराखंड से समन्वय के लिए गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के नेतृत्व में मंत्रियों का एक दल भेजा है।


उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राहत कार्य के लिए सक्रियता बढा दी है।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड सरकार से समन्वय बनाने के लिए गन्ना विकास व चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय मंत्रियों की एक समिति बनाई है जिसमें मंत्री धर्म सिंह सैनी और विजय कश्यप भी शामिल हैं। मंगलवार को मंत्रियों का यह दल उत्तराखंड के लिए रवाना हो गया।    

इसके अलावा उत्तराखंड शासन और प्रशासन से समन्वय के लिए अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल भी बनाया गया है।    

प्रवक्ता के अनुसार सहायता के लिए लखनऊ में राहत आयुक्त कार्यालय में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जिसका नंबर 1070 है। आपदा प्रभावित उत्तर प्रदेश के जिलों में भी कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जहां प्रशासन, पुलिस और सिंचाई विभाग के कर्मचारी 24 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।    

मंगलवार को उत्तराखंड रवाना होने से पहले सुरेश राणा ने कहा, ‘‘मैं अपने दोनों सहयोगी मंत्रियों के साथ वहां पहुँचकर सबसे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात करूंगा।’’ राणा ने कहा, ‘‘इस त्रासदी में जो लोग लापता हो गये हैं उनकी तलाश और जो काल-कवलित हुए हैं उनकी अंत्येष्टि के लिए उचित समन्वय बनाकर कार्य किया जाएगा।’’    
गन्ना मंत्री ने बताया कि हरिद्वार में सहायता केंद्र और नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार उत्तराखंड को हर संभव सहयोग करेगी और उत्तर प्रदेश के जिन लोगों की इस त्रासदी में मौत हुई है, उनके परिजनों को अलग से दो-दो लाख रुपये देगी। इसके अलावा घायलों के बेहतर उपचार के लिए भी समन्वय बनाकर यथा संभव सहयोग किया जाएगा।    

राणा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गंगा और उसकी सहयोगी अलकनंदा नदी के प्रभाव वाले इलाकों में सरकार ने अधिकारियों को मुस्तैद कर दिया है और जल शक्ति, बाढ नियंत्रण और गृह विभाग के अधिकारी समन्वय स्थापित कर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।    

लापता लोगों में सबसे ज्यादा संख्या लखीमपुर जिले के लोगों की है। अधिकांश मजदूर तपोवन परियोजना पर काम करने गए थे। इच्छानगर के स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके गांव के 26 व्यक्ति तपोवन के लिए रवाना हुए थे और 18 लापता हो गए।

भरमपुर में रहने वालों ने कहा कि 11 लोग न तो घर लौटे हैं और न ही उन्होंने अपने परिवार से संपर्क किया है। भोलनपुर के पांच लोगों के लापता होने की आशंका है।

जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने लापता लोगों की सही संख्या की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि लखीमपुर खीरी के सभी कामगारों की एक सूची तैयार की जा रही है।

उन्होंने कहा, "हमने गांवों से सूचनाओं को जुटाने और तहसीलदार और सबडिविजनल मजिस्ट्रेट के साथ साझा करने के लिए लेखपाल की तैनाती की है। हम फिर परिवार के सदस्यों के संपर्क में आकर आंकड़ों का सत्यापन कर रहे हैं। अभी तक, हमें सिर्फ निघासन तहसील के रहने वाले 35 लोगों के लापता होने की आशंका है।"

चमोली में उनके समकक्ष के साथ डेटा साझा किया जा रहा है।

निघासन के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अभी तक किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "अब तक, हम जानते हैं कि निघासन के 58 लोग हाइडेल प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे थे। यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हमें अभी कुछ गांवों से डेटा प्राप्त करना बाकी है।"

सूत्रों ने कहा कि अधिकांश शवों की पहचामन नहीं हो पा रही थी क्योंकि वे या तो भारी पत्थर या और बोल्डर के भार से कुचल गए थे या पानी के कारण फूल गए थे।

राहत आयुक्त के कार्यालय के अनुसार, सहारनपुर के तीन, मेरठ के चार, गोरखपुर के पांच, शामली के दो और मुरादाबाद, बिजनौर और चंदौली के एक-एक व्यक्ति से उनके परिवार के सदस्य संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए, सोमवार देर रात एक उच्च-स्तरीय बैठक की।

राज्य सरकार ने एक टोल-फ्री नंबर 1070 और एक व्हाट्सऐप नंबर 9454441036 जारी किया है, जिस पर जो लोग लापता हैं, उनके परिवार के सदस्य मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री हरिद्वार में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर रहे हैं और चार अधिकारियों को जोशीमठ जाने और वहां फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों की मदद करने के लिए कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की है।

आईएएनएस/भाषा
लखीमपुर खीरी


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment