महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा की जीत के बाद शेयर बाजार के लिए अगल हफ्ता काफी अहम होने वाला है। इस दौरान निवेशकों की निगाहें विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) डेटा, दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े, रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष और कच्चे तेल की कीमतों के साथ अन्य फैक्टर्स पर होंगी। यह जानकारी एक्सपर्ट्स द्वारा दी गई।
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पिछले हफ्ता शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। हफ्ते की शुरुआत में बाजार में गिरावट देखने को मिली, लेकिन शुक्रवार को बाजार में बड़ी तेजी देखने को मिली और निफ्टी 2.39 प्रतिशत की तेजी के साथ 23,907.25 और सेंसेक्स 2.54 प्रतिशत बढ़कर 79,117 पर बंद हुआ। इस तेजी के कारण साप्ताहिक आधार पर निफ्टी और सेंसेक्स में 1.6 प्रतिशत और 2 प्रतिशत की बढ़त हुई।
इस रैली में एनर्जी को छोड़कर सभी सेक्टरों की भागीदारी देखने को मिली। इसमें रियल्टी, ऑटो और एफएमसीजी प्रमुख थे।
जियोजित फाइनेंसियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "बाजार ने शुक्रवार को मजबूत उछाल के साथ मौजूदा हफ्ते के नुकसान की भरपाई की। इस दौरान निवेशकों ने तेजी के अवसर का उपयोग पिटे हुए शेयरों को खरीदने में किया।"
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पल्का अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन महायुति की जीत से राजनीतिक स्थिरता आएगी और यह निवेशकों के सेंटीमेंट के लिए काफी सकारात्मक है। इससे बाजार में एक रैली देखने को मिल सकती है।
चोपड़ा ने आगे कहा कि हफ्ते के दौरान निफ्टी ने हरे निशान में 23,900 के ऊपर बंद हुआ है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) बेंचमार्क के लिए 24,100 एक अहम रुकावट का स्तर होने वाला है। अगर इंडेक्स इस स्तर के ऊपर निकलता है तो यह 24,500 तक जा सकता है। 23,700 एक अहम सपोर्ट लेवल है। अगर यह इसे तोड़ता है तो 23,400 तक जा सकता है।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च प्रमुख, संतोष मीणा ने कहा कि बैंक निफ्टी 200 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर बना हुआ है। 51,300 से लेकर 52,000 एक अहम रुकावट का स्तर है। अगर इसे तोड़ता है तो 52,600 से लेकर 53,300 एक रुकावट का स्तर होगा।
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