उत्तर प्रदेश मे भ्रष्टाचार के लिए 'जेम पोर्टल' बना काल

Last Updated 20 Jan 2021 05:10:11 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार का 'जेम पोर्टल' असंभव को संभव करने में लगा हुआ है। इसके माध्यम से चली आ रही विभागीय खरीदारी में हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगा दी है। जेम ने साबित किया सरकारी खरीद में व्याप्त भ्रष्टाचार रोकने और इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए वाकई में यह 'जेम' है।


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सत्ता संभालने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी जेम पोर्टल लागू करने की व्यवस्था के आदेश अगस्त 2017 में ही दे दिए थे। इस बाबत एक शासनादेश जारी हुआ था, जिसमें कहा गया था कि शासकीय विभागों और उनके अधीनस्थ संस्थाओं में खरीदारी के लिए जेम की व्यवस्था अनिवार्य की गई है, जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीदारी अनिवार्य रूप से जेम पोर्टल से ही की जाएगी।

इसका नतीजा यह हुआ कि विभिन्न विभागों ने प्रदेश में जेम पोर्टल के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2401 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह दिसंबर तक कुल 25 सौ करोड़ की खरीदारी की गई है। इस प्रकार पौने चार साल में करीब 7177 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी जेम पोर्टल से विभागों ने की है।

इस बारे में एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल कहते हैं कि, "मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टलरेंस की नीति स्पष्ट है। सरकार भ्रष्टाचार को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए कटिबद्घ है। जेम पोर्टल उसी प्रयास का एक सार्थक परिणाम है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है।"

आईआईए के चेयरमैन पंकज गुप्ता कहते हैं कि, "जेम पोर्टल सरकार और उद्यमियों के लिए बहुत फायदेमंद प्लेटफॉर्म है। सरकारी विभागीय खरीद में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार रोकने में यह राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय है। इसके यूपी में लागू होने से निस्संदेह पिछली सरकारों से चले आ रहे सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार पर रोक लगी है।"

सूबे में सरकार की ओर से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन विभाग को नोडल विभाग बनाया है। नोडल विभाग की ओर से जेम की पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) टीम का गठन प्रदेश में किया गया है।

केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवॉर्ड और 2019 में सुपर बायर अवॉर्ड से सम्मानित किया है। इस समय प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर जेम पोर्टल के माध्यम से सर्वाधिक खरीदारी करने वाला पहला राज्य है। इस साल दिसंबर तक 71814 विक्रेता भी जेम पर पंजीकृत हैं, जिसमें से 26029 एमएसएमई ईकाईयां हैं।

मैनपावर आउटसोर्सिग, टैक्सी, सफाई जैसी सेवाएं भी जेम पोर्टल से खरीदारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पोर्टल के माध्यम से विभागों के लिए खरीदारी को गुणवत्तापूर्ण, पारदर्शी और मित्तव्यीय बनाया गया है। प्रदेश के कुछ विभागों की ओर से जेम पोर्टल पर उपलब्ध सेवाओं का क्रय ई टेंडर से भी किया जा रहा है।

आईएएनएस
लखनऊ


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