अयोध्या के छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के मामले वापस लिए गए
अयोध्या पुलिस ने साकेत कॉलेज के उन छात्रों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मामला वापस ले लिया है जिन पर छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान देश विरोधी नारे लगाने का आरोप था। हालांकि, पुलिस ने कहा कि छात्रों के खिलाफ अन्य आरोपों की जांच जारी रहेगी।
साकेत कॉलेज (फाइल फोटो) |
अयोध्या के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) आर.के. राय ने कहा, "पुलिस ने कॉलेज के प्राचार्य द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। हालांकि, हमें छात्रों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला और सभी छह आरोपियों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले को वापस लेने का फैसला किया। छात्रों के खिलाफ अन्य आरोप बने रहेंगे और जांच जारी है।"
डीएसपी ने कहा कि पुलिस ने छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए के तहत देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के लिए कोई सबूत नहीं पाया।
26 दिसंबर को साकेत कॉलेज के प्रिंसिपल एन.डी. पांडे ने आरोप लगाया था कि छात्रों ने पिछले हफ्ते विरोध प्रदर्शन के दौरान देश विरोधी नारे लगाए थे।
पांडे की शिकायत के आधार पर, अयोध्या पुलिस ने छह छात्रों के खिलाफ देशद्रोह सहित विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था।
कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि देशद्रोह के मामले को वापस लेना पुलिस का निर्णय था और वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते।
सुमित तिवारी, शेष नारायण पांडे, इमरान हाशमी, सात्विक पांडे, मोहित यादव और मनोज मिश्रा नाम के छह छात्रों के खिलाफ पांडे ने मामला दर्ज कराया था।
हालांकि, साकेत कॉलेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष, आभास कृष्ण यादव ने कहा कि छात्र कॉलेज के भ्रष्ट प्रिंसिपल और छात्र विरोधी सिस्टम से आजादी पाने के नारे लगा रहे थे।
यादव ने कहा कि छात्रों ने यह भी मांग की थी कि कॉलेज प्रशासन को छात्र संघ चुनाव जरूर कराने चाहिए।
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