स्वास्थ्य और शिक्षा मुद्दे पर बहस करने सिसोदिया पहुंचे लखनऊ
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मंगलवार को यूपी में स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे पर बहस करने लखनऊ पहुंचे।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) |
सिसोदिया ने कहा कि सिद्धार्थ नाथ सिंह की चुनौती को स्वीकार करके हम लखनऊ तो आ गए हैं, लेकिन उनकी और यूपी सरकार की ओर से हमें अभी तक न तो समय बताया गया है और न ही स्थान बताया गया है। इसलिए हम दोपहर एक बजे गांधी भवन पहुंचकर यूपी सरकार या सिद्धार्थ नाथ के जवाब का इंतजार करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम शाम पांच बजे तक वहीं प्रतीक्षा करेंगे। इसके बाद ही अपनी बात रखेंगे। सिसोदिया का मंगलवार को लखनऊ एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद संजय सिंह ने उनकी अगवानी की।
उन्होंने कहा कि यहां वह सूबे में सत्तासीन योगी सरकार और अरविंद केजरीवाल सरकार के विकास पर चर्चा करने आए हैं। मनीष सिसोदिया ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश के जिस मंत्री ने मुझे योगी आदित्यनाथ जी और केजरीवाल जी के मॉडल पर चर्चा करने की चुनौती दी थी, वह चर्चा के लिए आएंगे। हम तो यहां पर पिछले चार वर्षों में शिक्षा, बिजली, पानी और रोजगार के क्षेत्रों में हुए विकास पर चर्चा करेंगे।"
यूपी के शिक्षा मंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल को लेकर प्रतिक्रिया दी थी, जिसके बाद दोनों के बीच ट्विटर वार तेज हो गया। इसी के साथ मनीष सिसोदिया ने भी चुनौती स्वीकार करते हुए लखनऊ में ही यूपी के मंत्रियों को जवाब देने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि वह गांधी भवन में बहस के लिए इंतजार करेंगे। यूपी में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बदतर है। युवा बेरोजगारी से परेशान है। कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।
उन्होंने कहा, "केजरीवाल जी ने जब कहा कि आम आदमी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगी तब से उत्तर प्रदेश सरकार बौखला गई है और उनके मंत्रियों ने चुनौती दी कि दिल्ली के गवर्नेंस मॉडल और उनके मॉडल पर वे खुली बहस के लिए तैयार हैं। उस खुली बहस की चुनौती को स्वीकार करते हुए मैं लखनऊ आया हूं। सरकार ने हमें शिक्षा स्वास्थ्य पर डिबेट की चुनौती दी थी, मैं पूरा दिन लखनऊ में रहूंगा, मुझे बताए कहां आना है। मैंने उसी समय सिद्धार्थ नाथ सिंह जी को कहा था कि मैं आपका निमंत्रण स्वीकार करता हूं। अभी तक उन्होंने समय और स्थान नहीं बताया है। उम्मीद है कि पिछले चार साल में यूपी सरकार ने शिक्षा, बिजली और रोजगार के लिए जो काम किए होंगे उस पर खुली बहस के लिए मंत्री जी आएंगे।"
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