मंदिर निर्माण के उल्लास में डूबी रामनगरी
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन के ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए अयोध्या नगरी की सजावट और दिवाली जैसा माहौल अभिभूत और मंत्रमुग्ध करने वाला है।
मंदिर निर्माण के उल्लास में डूबी रामनगरी |
इस पल को अपनी यादों में समेटने के लिए आम से खास लोग सड़कों, गलियों, मंदिरों, मठों, सरयू तट और राम की पैड़ी में ऐसे जमे रहे जैसे किसी यज्ञ में साधु धूनी रमाये बैठे हों।
वैसे तो 1528 राम मंदिर तोड़े जाने के साथ ही शुरू हुआ विवाद नौ नवम्बर, 2019 को उस वक्त समाप्त हो गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने संपूर्ण 2.77 एकड़ जमीन रामलला को देने का आदेश कर दिया था लेकिन आज वह ऐतिहासिक पल है जब मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई। भूमि पूजन की पूर्व संध्या पर चार अगस्त को अयोध्या की सजावट बरबस ही मंत्रमुग्ध करने वाली थी।
राम काज के लिए उत्साह : लोगों के उत्साह का अनुमान शब्दों में करना मुश्किल है, उसे अनुभव किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की तैयारी के मॉकड्रिल के कारण चार अगस्त को अयोध्या के बाजार बंद रहे। इसके बावजूद दुकानदारों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। वह बढ़-चढ़कर पुलिस को सहयोग कर रहे थे। कुछ दुकानदारों का कहना है कि राम कार्य के लिए उनसे जो भी मदद ली जा सकती है, वह हर वक्त तैयार हैं।
हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास जिन्होंने बाबरी मस्जिद गिरने के बाद रामलला की मूर्ति को संभाला था और फिर उसकी स्थापना की थी, का कहना है कि इससे अच्छा आनंद का पल उनके जीवन में नहीं आ सकता। उनके गुरु जी महंत अभिराम दास ने 23 दिसम्बर, 1949 को चार अन्य संतों के साथ मूर्ति स्थापित की थी। बाबरी मस्जिद को गिराने में मुख्य भूमिका निभाने वाले संतोष दुबे और रविशंकर पांडे बेहद खुश हैं, वह कहते हैं कि उनके जीवन का लक्ष्य प्राप्त हो गया है।
| Tweet |