17 ओबीसी जातियों को एससी घोषित करने पर लगी रोक को लेकर मायावती ने योगी सरकार को घेरा

Last Updated 17 Sep 2019 12:46:23 PM IST

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में 17 ओबीसी जातियों को एससी घोषित करने पर उच्च न्यायालय की रोक को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है ।


बसपा सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)

मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में 17 ओबीसी जातियों को जबर्दस्ती एससी घोषित करने पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने की खबर आज स्वाभाविक तौर पर बड़ी सुर्खियों में है। घोर राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित ऐसे फैसलों से किसी पार्टी/सरकार का कुछ नहीं बिगड़ता है लेकिन पूरा समाज इससे प्रभावित होता है। अति-दुर्भाग्यपूर्ण।‘‘      



गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अन्य पिछड़ा वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की राज्य सरकार की अधिसूचना पर सोमवार को रोक लगा दी थी।      

अदालत ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया जिसके बाद इस मामले की सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की पीठ ने गोरखनाथ नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।      

इस याचिका में कहा गया है कि भारत का संविधान इस तरह के संशोधन करने और अनुसूचित जाति की सूची में किसी वर्ग को शामिल करने का केंद्र सरकार को अधिकार देता है, इसलिए राज्य सरकार द्वारा इस तरह का निर्णय लेना संविधान के अनुच्छेद 341 का उल्लंघन है क्योंकि राज्य सरकार खुद एक जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकती।      

याचिकाकर्ता के मुताबिक, राज्य सरकार ने ओबीसी वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिए इस साल जून में एक आदेश जारी किया है। इन 17 जातियों में कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, माझी. मल्लाह, धीमर और मछुआ शामिल हैं। 
 

भाषा
लखनऊ


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