संपूर्ण राष्ट्र को बनना होगा स्वयंसेवक : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने यहां आयोजित ‘राष्ट्रोदय’ कार्यक्रम में राष्ट्र की चुनौतियों पर फोकस करते हुए कहा कि सम्पूर्ण राष्ट्र को स्वयंसेवक बनना होगा, दूसरा कोई उपाय नहीं है.
मेरठ : आरएसएस के ‘राष्ट्रोदय’ कार्यक्रम में ध्वज प्रणाम करते संगठन के सरसंघचालक मोहन भागवत, अन्य पदाधिकारी व संत. |
साथ ही उन्होंने आह्वान किया कि हर स्वयंसेवक को सिर्फ संगठन का हितैषी नहीं बनना है. राष्ट्र निर्माण के लिए हमें अनुशासन के साथ एकजुटता दिखानी होगी. खुद की साधना से पूरे समाज को मिलजुल कर खड़े होकर इस योग्य बनाना है. इस मौके पर जैन मुनि विहर्ष सागर और जूना अखाड़े के महामंडलेर अवधेशानंद ने भी संबोधित किया.
जागृति विहार एक्सटेंशन मैदान में संगठन के स्वयंसेवक समागम में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि सबको जोड़ने वाला, सबको संतुलित बनाने वाले भारत को तैयार रहना है. इसके लिए सजगता भी जरूरी है. हमें इस तरह का भारत खड़ा करना है जो बाधा लाने वाले, षड्यंत्र रचने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे सके. इसके लिए हमें एकजुटता दिखानी है. उन्होंने कहा कि हर राष्ट्र का जीवन प्रयोजन होता है. प्रयोजन समाप्त होने पर उसका विलय हो जाता है. हमारे राष्ट्र का प्रयोजन ऐसा है जो दूसरों के लिए आदर्श बनता है. हमारा राष्ट्र अमर है. जिस तरह से सूर्य हमेशा उदय रहता है कि पृथ्वी प्रकाश के लिए उसके चक्कर काटती है ठीक उसकी प्रकार हमारा राष्ट्र का कभी अस्त नहीं होगा.
हिन्दुत्व की कट्टरता ही उदारता : मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दुओं की कट्टरता ही उदारता है. हिन्दू से ज्यादा कोई उदार नहीं है. दुनिया अच्छी बातों को तभी मानती है जब पीछे कोई शक्ति हो या फिर किसी का डंडा.
हिन्दुओं के पास कहीं जाने की जगह नहीं : मोहन भावत ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट होना होगा. हिंदुओं के पास कहीं और जाने के लिए दूसरी जगह नहीं है. हम दायित्वान लोग हैं हमें जवाब देना होगा.
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