राजस्थान के झालावाड़ जिले के पाडला गांव में बोरवेल में गिरे पांच साल के मासूम प्रह्लाद को बचाने के लिए 13 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका।
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राजस्थान के झालावाड़ जिले में रविवार को बोरवेल में गिरे पांच वर्षीय बच्चे को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने 32 फुट की गहराई से करीब 16 घंटे के बचाव अभियान के बाद सोमवार तड़के मृत अवस्था में बाहर निकाला।
गंगधर के उपखंड अधिकारी (एसडीएम) छतरपाल चौधरी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने सोमवार की सुबह करीब चार बजे बच्चे को बाहर निकाला।
घटनास्थल पर मौजूद चिकित्सकीय दल ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
एसडीएम ने बताया कि बच्चे के बोरवेल में गिरने की घटना के लगभग एक घंटे बाद ही स्थानीय संसाधनों की मदद से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों भी बच्चे की जान बचाने के लिए घटनास्थल पर पहुंची थी।
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जयप्रकाश अटल ने बताया कि बच्चे को पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन वह बच नहीं सका। उन्होंने बताया कि शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
बच्चे के माता-पिता ने इस हादसे को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसके आधार पर आगे की जांच के लिए मामला दर्ज किया जाएगा।
मृतक की पहचान परलिया गांव (थाना डुग) के निवासी कलूलाल बागरिया के पुत्र प्रह्लाद के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि जब यह हादसा हुआ, उस वक्त बच्चे के माता-पिता खेत के दूसरे छोर पर काम में व्यस्त थे।
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