महिला उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान पूरे देश में अव्वल
राजस्थान सरकार ने बालिका शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई है। कभी अपनी खराब महिला साक्षरता दर के लिए बदनाम, राज्य में आज लड़कियों के लिए समर्पित शिक्षण संस्थानों की संख्या सबसे अधिक है।
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राजस्थान में करीब 22 फीसदी कॉलेज 'केवल लड़कियों' के लिए हैं जो किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा प्रतिशत है। प्रदेश में इस साल 31 नए गर्ल्स कॉलेज खुले हैं। जिनके साथ गर्ल्स कॉलेजों की संख्या 530 हो गई है।
उच्च शिक्षा हासिल करने का मामले में प्रदेश में लड़कियां लड़कों से आगे निकल गई है। राजस्थान के तकरीबन हर जिले में लड़कियों के लिए कॉलेज है।
राज्य लड़कियों की शिक्षा के लिए एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में इन संस्थानों पर निर्भर है।
राज्य में कोटा में अपनी तरह का पहला गर्ल्स कॉलेज है, जहां टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ सभी महिलाएं हैं। इसका मतलब है कि चपरासी से लेकर प्रधानाध्यापक तक और सुरक्षा गार्ड से लेकर सफाईकर्मी तक सभी महिलाएं हैं।
इन गर्ल्स कॉलेजों की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये केवल ऐसे संस्थान नहीं हैं जहां महज सीटें हीं भरी जाती हैं, बल्कि अकादमिक और गैर-शैक्षणिक क्षेत्र में प्रदर्शन के मामले में भी राज्य के गर्ल्स कॉलेजों का प्रदर्शन बेहतर है। यहां तक कि इन कॉलेजों में अनुपस्थिति की दर भी काफी कम है।
लड़कियों में उच्च शिक्षा के प्रति बढते रूझान को देखते हुए राज्य सरकार अब सभी संभागीय मुख्यालयों में गर्ल्स कॉलेज स्थापित करने की योजना को अमल में लाने में जुट गई है।
राजस्थान में लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहन देने और बेहतर बनाने में निजी संस्थान भी एक सफल मॉडल के तौर पर उभर कर सामने आए हैं। लड़कियों के लिए समर्पित निजी विश्वविद्यालयों में वनस्थली विद्यापीठ (टोंक), आईआईएस विश्वविद्यालय (जयपुंर), और ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय (जयपुर) अहम है। यहां देश भर की छात्राएं अध्ययन के लिए आती हैं।
"वनस्थली विद्यापीठ की स्थापना आज से लगभग 86 वर्ष पूर्व हुई थी जब बालिका शिक्षा की संकल्पना भी नहीं थी। यह भारत का आज इकलौता ऐसा संस्थान है जिसने अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में अपना स्थान बना रखा है।
वनस्थली की अप्रतिम उच्च शिक्षा और सर्वात्कृष्टता का अनुमान इस बात के लगाया जा सकता है कि संस्थान ने देश को अनेक क्षेत्रों में "प्रथम" महिला दी है," वनस्थली विद्यापीठ की वाईस चांसलर प्रो इना शास्त्री ने सहारा समय से खास बातचीत में यह बात कही।
देश में लड़कियों की तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी राजस्थान का योगदान बेहद अहम है। प्रदेश में कई अग्रणी इन्जीनियरिंग कॉलेज हैं जहां सिर्फ लड़कियों को शिक्षा दी जाती है। इनमें वनस्थली विद्यापीठ के अलावा राजस्थान कॉलेज ऑफ इन्जीनियरिंग फॉर वुमेन, जयपुर और गर्वनमेंट वुमेन इन्जीनियरिंग कॉलेज, अजमेर प्रमुख है।
सहारा समय से खास बातचीत में वनस्थली विद्यापीठ की वाइस चांसलर प्रो इना शास्त्री ने कहा कि, वनस्थली की शिक्षा "महिला शिक्षा" नहीं अपितु "महिलाओं के लिए शिक्षा" है जो अनूठी और विशिष्ट है।
"यहां आठ शाखाओं में छात्राओं को बी टेकी की डिग्री दी जाती है। केमिकल इन्जीनियरिंग और मेकाट्रोनिक्स शाखा वनस्थली के अलावा किसी और महिला संस्थान में उपलब्ध नहीं है। यहां के स्कूल ऑफ ऑटोमेशन में आधुनिक और देश की सर्वोत्कृष्ट प्रयोगशालाएं हैं और अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेन्टर भी शीघ्र तैयार हो जाएगा जो विशिष्ट होगा," प्रो इना शास्त्री ने सहारा न्यूज नेटवर्क के साथ खास बातचीत में यह बात कही।
जयपुर स्थित राजस्थान कॉलेज ऑफ इन्जीनियरिंग फॉर वुमेन भी लड़कियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने में अहम योगदान दे रहा है। यहां न सिर्फ राजस्थान की बल्कि पूरे देश की छात्राएं इन्जीनियरिंग की पढाई कर रही है।
राजस्थान कॉलेज ऑफ इन्जीनियरिंग फॉर वुमेन के निदेशक डॉ अरिहन्त खीचा ने सहारा समय से खास बातचीत में कहा कि छात्राओं की इन्जीनियरिंग में बढ़ते रूझान को देखते हुए नए कॉलेजों की स्थापना हो रही है, इसमें राज्य सरकार और तकनीकी शिक्षा विभाग पूरा सहयोग दे रहा है।
"राजस्थान में महिला शिक्षा को बढावा देने के उद्देश्य से शिक्षाविद्द डॉ जितेन्द्र सिंह द्वारा जयपुर में प्रथम महिला इंजीनियरिंग कॉलेज "राजस्थान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग फॉर वुमेन" जयपुर की स्थापना की गई। इस संस्थान को उत्कृष्ट बनाने में चेयरपर्सन बीना सिंह का अहम योगदान है।
आज इस कॉलेज की गणना देश के उत्कृष्ट इंजीनियरिंग कॉलेजों में की जाती है। यहां लड़कियों को बेहतर तकनीकि शिक्षा प्रदान करने के अलावा उनके चहुमुखी विकास और प्लेसमेंट पर भी खासा ध्यान दिया जाता है," डॉ अरिहन्त खीचा ने यह बात सहारा समय से खास बातचीत में कही।
जाहिरतौर पर लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान ने जो अलख जगाई है, उसकी लौ न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे देश में फैल रही है और महिला सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान कर रही है।
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