राजस्थान: फोन टैपिंग मुद्दे पर विधानसभा में फिर हंगामा, राठौड़ ने सीबीआई जांच की मांग की
राजस्थान सरकार ने राज्य में नेताओं के फोन टैपिंग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य में किसी विधायक, सांसद या जनप्रतिनिधि का फोन टैप नहीं हुआ है।
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वहीं इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच गर्मागर्मी के चलते विधानसभा की कार्यवाही दो बार के लिए स्थगित करनी पड़ी।
शून्यकाल में इस मुद्दे पर हुई आधे घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य में किसी विधायक, मंत्री, लोकसभा या राज्यसभा सदस्य या किसी भी स्तर के जनप्रतिनिधि का फोन टैप (इंटरसेप्ट) नहीं हुआ है। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि अगर वह अपने आरोप साबित कर दे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित पूरी सरकार इस्तीफा दे देगी।
धारीवाल ने कहा, ‘‘फोन टैपिंग को लेकर विपक्ष का मुख्य आरोप है कि केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों का फोन टैप किया गया.. साबित कर दो मुख्यमंत्री इस्तीफा देने को तैयार हैं, मुख्यमंत्री क्यों हम सब इस्तीफा देने को तैयार हैं। हम सब इस्तीफा दे देंगे। करो साबित। किसी भी स्तर के जनप्रतिनिध का फोन टैप हुआ हो तो साबित करके दिखाओ।’’
इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर पलटवार करते हुए धारीवाल ने कहा कि विपक्ष फोन टैपिंग का मुद्दा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बार बार बचाने के लिए उठाता है। उन्होंने कहा, ‘‘मोटे तौर पर तो उन पर इतना बड़ा आरोप था कि प्रधानमंत्री को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए था लेकिन उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया। ऐसा लगता है कि यह मांग दुबारा नहीं उठे इसलिए विपक्ष बार बार यह मुद्दा उठाता है।‘
धारीवाल ने कहा कि राज्य में किसी राजनीतिक व्यक्ति की निजता का उल्लंघन नहीं हुआ है और राज्य सुरक्षा व लोकहित में फोन टैप करने के बारे में कोई फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति कानून प्रदत्त अधिकारों के तहत करती है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ तथा विधायक सतीश पूनियां ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सरकार से उस अधिकारी के बारे में जानकारी देने को कहा जिसके कहने पर फोन टैप हुए। राठौड़ ने मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की।
धारीवाल के जवाब के बाद सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने देश में फोन टैपिंग के मामले संबंधी एक पर्चा सदन में लहराया जिस पर दोनों पक्ष के विधायक बोलने लगे। भाजपा विधायक आसन के सामने आ गए और नारेबाजी करने लगे तो अध्यक्ष जोशी ने 1.10 बजे सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही फिर आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। फिर जब कार्यवाही शुरू हुई तो अध्यक्ष जोशी ने विपक्ष को आश्वस्त किया अगर किसी सदस्य ने किसी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की है तो उसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। इसके बाद सदन में आय व्यय अनुमान पर चर्चा हुई।
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