राजस्थान: फोन टैपिंग को लेकर भाजपा विधायकों का विधानसभा में हंगामा, सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित

Last Updated 16 Mar 2021 01:27:08 PM IST

राजस्थान विधानसभा में फोन टैपिंग मामले में आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी और हंगामें के बीच ही अनुदान की मांगों पर चर्चा हुई।


शून्यकाल में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ और विधायक कालीचरण सराफ ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए फोन टैपिंग का मामला उठाना चाहा लेकिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जेशी ने उनका प्रस्ताव खारिज कर दिया। इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने अध्यक्ष से निवदेन किया कि फोन टे¨पग का मामला महत्वपूर्ण हैं और इसमें एफआईआर दर्ज हुई है।

उन्होंने कहा कि सरकारी मुख्य सचेतक ने एक एफआईआर करवाई थी उसका  आधार फोन टैपिंग ही था। इससे यह तय हो गया कि सरकार की किसी एजेंसी ने फोन टैपिंग करवाई। सरकार को सदन में यह बताना चाहिए कि किस अधिकार से सरकार ने  किन किन लोगों के फोन टैप कराए।   

उन्होंने कहा कि हम यही जानना चाहते हैं कि अनुमति लेकर फोन टैप हुआ या नहीं। यह एफआईआर उस अधिकार के तहत है क्या। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि यह स्थगन प्रस्ताव का मामला नहीं हैं, इसमें किसी की निजता भंग का मामला नहीं हैं तथा यह स्थगन प्रस्ताव के लायक नहीं है। वह इसकी अनुमति नहीं देंगे। इस पर भाजपा विधायक वेल में आ गए। विपक्ष के सदस्यों के विरोध में सत्ता पक्ष के सदस्य भी खड़े होकर बोलने लगे लेकिन अध्यक्ष के कहने पर अपनी सीट पर बैठ गये।             

विपक्ष के सदस्यों में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के तीनों विधायक भी भाजपा के साथ वेल में शामिल थे। विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद आदि जमकर नारेबाजी शुरु कर दी। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि सदन की संसदीय कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं यह संसदीय परंपरा पर कलंक है। हंगामें के बीच ही उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने अनुदान की मांग संख्या 24 शिक्षा, कला एवं संस्कृति पर चर्चा के लिए प्रस्ताव रखा। इसके बाद अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे विपक्ष के सदस्यों से एक बार फिर अपील की कि वे चर्चा में भाग लेना चाहते हैं तो अपनी सीट पर जाये। विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा जारी रखने पर अध्यक्ष ने 12 बजकर 29 मिनट पर सदन की कार्यवाही आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी।         

इसके बाद 12 बजकर 59 मिनट पर सदन की कार्यवाही फिर शुरु होने पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहने के कारण सभापति महेन्द्रजीत मालवीय ने सदन की कार्यवाही एक बजे फिर आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी। डेढ़ बजे सदन की फिर कार्यवाही शुरु होते ही अध्यक्ष ने अपील की कि संसदीय परम्पराओं के तहत अगर उन्हें इस मामले में कोई तथ्य उपलब्ध कराये तो वह सरकार को दे, ताकि सरकार इस पर अपना वक्तव्य दे सके। उन्होंने कहा कि तथ्य दे तो  आज ही इस चर्चा करा ली जायेगी। उन तथ्यों के आधार पर चर्चा होगी। अगर अध्यक्ष की व्यवस्था बदलना चाहते हो, यह ठीक नहीं हैं। 

इस पर कटारिया ने कहा कि वे अध्यक्ष को चुनौती नहीं देना चहते हैं, यह विषय इतना गंभीर हैं कि हम चाहते है कि अगर चाहे तो पहले चर्चा हो जाये और फिर सदन चलाया जाये। उन्होंने कहा कि भले ही चर्चा के लिए कल का समय रख लिया जाये। इस पर अध्यक्ष ने दोहराया कि नए तथ्य रखेंगे तो चर्चा कराउंगा। उन्होंने कहा कि फिर निवेदन कर रहा हू कि तथ्य दे, आज ही चर्चा होगी। सदन के पास तथ्य नहीं हैं। हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने एक बजकर 39 मिनट पर सदन की कार्यवाही तीसरी बार आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी।

 

वार्ता
जयपुर


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