जम्मू-कश्मीर विधानसभा में ‘वक्फ कानून’ का स्थगन प्रस्ताव खारिज होने पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद पारा ने सवाल उठाए हैं।
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उन्होंने कहा कि यह मुस्लिम विरोधी विधेयक है, लेकिन विधानसभा से प्रस्ताव को खारिज करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पीडीपी विधायक वहीद पारा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य है और यहां के मुख्यमंत्री भी मुस्लिम हैं। मगर वे वक्फ कानून के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते हैं। देश के मुसलमानों ने इस कानून को लेकर अपना विरोध जताया है। यह मुस्लिम विरोधी विधेयक है, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने से लेकर व्यावहारिक बनाने तक, वे हर कदम पर भाजपा का समर्थन कर रहे हैं और यही हम देख रहे हैं।"
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने स्थगन प्रस्ताव के खारिज होने पर कहा, "हमें उम्मीद थी कि स्पीकर साहब वक्फ कानून के विरोध में लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर मानेंगे। केंद्र के जितने भी मुद्दे हैं, उस पर चर्चा हुई है। अगर बाकी सब मुद्दों पर चर्चा हुई है तो यह एक गंभीर मुद्दा है। इस पर चर्चा जरूर होनी चाहिए।"
दरअसल, नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाए जाने के मुद्दे को लेकर सोमवार को जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। हालांकि, इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष पर सवाल उठाए।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "स्पीकर साहब को पहले ही साफ करना चाहिए था कि स्थगन प्रस्ताव को नहीं लाया जा सकता है, क्योंकि जिस बिल को संसद में पास किया गया हो और बाद में राष्ट्रपति ने उसे मंजूरी दी हो, उसके बारे में विधानसभा में चर्चा कैसे हो सकती है। स्पीकर और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों के बीच मैच फिक्स था। वे भी जानते हैं कि इस कानून पर कोई चर्चा नहीं हो सकती है।"
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