मणिपुर में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष असकर अली को वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करना महंगा पड़ गया। गुस्साई भीड़ ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया।
 |
वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम का समर्थन करने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अल्पसंख्यक मोर्चा की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष मोहम्मद असकर अली के घर में आगजनी की घटना के एक दिन बाद, थौबल जिला प्रशासन ने सोमवार को पूरे लिलोंग विधानसभा क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।
जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने और लोगों के आग्नेयास्त्र, तलवार, लाठी, पत्थर या अन्य घातक हथियार ले जाने पर रोक लगा दी गई है।
इसमें कहा गया है कि पुलिस अधीक्षक ने रविवार रात सूचना दी कि लाठियां और पत्थर लिये लगभग सात से आठ हजार लोगों की भीड़ ने लिलोंग संब्रुखोंग मामेई क्षेत्र में असकर अली के घर पर धावा बोला और आगजनी की।
अली ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच पर वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर समर्थन व्यक्त किया था। रविवार रात की घटना के बाद, उन्होंने अपने पहले के बयान के लिए माफी मांगी और अधिनियम की निंदा की।
आदेश में कहा गया, ‘‘सूचना है कि लिलोंग विधानसभा और उसके आसपास के क्षेत्र में मामला बहुत संवेदनशील है और आगे भी अशांति की आशंका है।’’
रविवार को इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए।
थौबल जिले के लिलोंग में आयोजित रैली में 5,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर यातायात बाधित हुआ। अधिकारियों ने बताया कि कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प भी हुई।
इंफाल पूर्व में क्षत्री अवांग लेईकाई, कैरांग मुस्लिम और कियामगेई मुस्लिम क्षेत्रों और थौबल जिले के सोरा सहित अन्य स्थानों पर भी विरोध-प्रदर्शन हुए।
वक्फ़ (संशोधन) विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है। लोकसभा में पारित होने के बाद अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया था, जिसे करीब 13 घंटे की चर्चा के बाद मंजूरी दे दी गई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विधेयक को मंजूरी दे दी।
| | |
 |