Aero India 2025: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया 2025 किया उद्घाटन, भारतीय लड़ाकू विमानों ने दिखाई ताकत
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने सोमवार को बेंगलुरु स्थित येलहांका वायुसेना अड्डे में ‘एयरो इंडिया’ के 15वें संस्करण का उद्घाटन किया। इसे एशिया की सबसे बड़ी ‘एयरोस्पेस’ और रक्षा प्रदर्शनी माना जाता है।
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भारतीय नौसेना ‘एयरो इंडिया 2025’ में चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान मिग-29के, ‘सीकिंग 42बी’ और पोत रोधी हेलीकॉप्टर समेत नौसेना विमानन के विभिन्न प्रकार के विमानों एवं उपकरणों का प्रदर्शन करेगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि ‘रनवे टू ए बिलियन ऑपर्च्युनिटीज’ के विषय के साथ, पांच दिवसीय इस भव्य आयोजन में भारत की हवाई ताकत और स्वदेशी अत्याधुनिक नवाचारों के साथ-साथ वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों के अत्याधुनिक उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ दृष्टिकोण के अनुरूप, यह कार्यक्रम स्वदेशीकरण को तेज करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत बनाने के वास्ते एक मंच भी प्रदान करेगा, जिससे 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के केंद्र सरकार के संकल्प को बल मिलेगा।
#WATCH कर्नाटक: बेंगलुरू में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर एयरो इंडिया 2025 का 15वां संस्करण का समारोह चल रहा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2025
(सोर्स: ANI/एयरो इंडिया) pic.twitter.com/5EbfJtQ2p2
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) अनिल चौहान, अन्य लोगों ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया।
‘एयरो इंडिया’ 10 से 14 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। शुरुआती तीन दिन सिर्फ उद्यमियों के लिए होंगे, जबकि 13 से 14 फरवरी को आम लोग भी यहां आ सकेंगे।
इस दौरान रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी के सम्मेलन, भारत और आईडीईएक्स मंडपों का उद्घाटन, मंथन आईडीईएक्स कार्यक्रम, सामर्थ्य स्वदेशीकरण कार्यक्रम, समापन समारोह, संगोष्ठी, हवाई करतब और एयरोस्पेस कंपनियों प्रदर्शनी जैसे आयोजन होंगे।
यह अब तक का सबसे बड़ा ‘एयरो इंडिया’ कार्यक्रम होने वाला है, क्योंकि इस बार इसका दायरा बढ़ाकर 42,000 वर्ग मीटर से अधिक कर दिया गया है और 150 विदेशी कंपनियों सहित 900 से अधिक प्रदर्शक इसमें शामिल होंगे।
राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा था कि यह भारत की एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में बढ़ते वैश्विक विश्वास का प्रमाण है कि 90 से अधिक देश इसमें भाग ले रहे हैं।
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