गुजरात के 33 लोगों को लेकर एक विमान बृहस्पतिवार सुबह अमृतसर से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरा।
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गुजरात के ये लोग उन 104 भारतीयों में शामिल थे जिन्हें अवैध आव्रजन के आरोप में अमेरिका से निर्वासित किया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सहायक पुलिस आयुक्त (जी) डिविजन आर. डी. ओझा ने बताया कि देश वापसी के तुरंत बाद इन 33 प्रवासियों को पुलिस के वाहनों में गुजरात में उनके मूल स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें कुछ बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं।
ओझा ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘बच्चों और महिलाओं सहित 33 गुजराती प्रवासियों को लेकर एक विमान सुबह अमृतसर से हवाई अड्डे पर उतरा। वे उन लोगों में से थे जिन्हें अमेरिका से निर्वासित किया गया था। हमने उन्हें उनके संबंधित स्थानों पर ले जाने के लिए हवाई अड्डे पर पुलिस वाहन तैनात किए।’’
जब मीडियाकर्मियों ने निर्वासित प्रवासियों से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और पुलिस वाहनों में अपने मूल स्थानों के लिए रवाना हो गए।
सूत्रों ने बताया कि उनमें से अधिकांश मेहसाणा, गांधीनगर, पाटन, वडोदरा और खेड़ा जिलों से हैं।
गुजरात के 33 सहित 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को पंजाब के अमृतसर में उतरा।
गुजरात के इन अवैध प्रवासियों के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि उन्हें नहीं पता कि उनके परिजन विदेशी धरती पर कैसे पहुंचे।
राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने निर्वासित गुजरातियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और इस तथ्य को रेखांकित किया कि वे नौकरी या कैरियर की तलाश में विदेश गए थे तथा उन्हें अपराधी के रूप में चित्रित नहीं किया जाना चाहिए।
पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध जांच विभाग (सीआईडी-अपराध), परिक्षिता राठौड़ ने कहा कि पुलिस इस स्तर पर निर्वासित लोगों से पूछताछ नहीं करेगी।
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