ओडिशा के गंजाम जिले में काले हिरणों की संख्या बढ़कर 8,789 हो गई है। वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
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अधिकारी ने बताया कि वन विभाग की ओर से 29 जनवरी को जिले के तीनों वन प्रभागों में कराई गई द्विवार्षिक गणना में काले हिरणों की कुल संख्या 8,789 दर्ज की गई। वर्ष 2023 में गंजाम में काले हिरण की संख्या 7,745 और 2018 में 4,082 आंकी गई थी।
नवीनतम गणना के अनुसार, जिले में मौजूद कुल काले हिरण में 5,241 मादा, 1,765 नर और 1,783 अवयस्क काले हिरण शामिल हैं। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (संशोधित 1992) के तहत काले हिरण को अनुसूची-1 में रखा गया है और इसे रेड डेटा बुक में ‘संकटग्रस्त’ श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।
घुमुसर दक्षिण वन प्रभाग में सबसे अधिक 5,627 और घुमुसर उत्तर वन प्रभाग में सबसे कम 404 काले हिरण पाए गए। वहीं, बरहमपुर वन प्रभाग में काले हिरणों की कुल संख्या 2,758 दर्ज की गई।
घुमुसर दक्षिण के वन प्रमंडल अधिकारी (डीएफओ) बीके आचार्य ने बताया कि स्थानीय लोगों और वन विभाग द्वारा दी गई सुरक्षा और वन्यजीवों के आवास में सुधार के फलस्वरूप गंजाम जिले में हर साल काले हिरणों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
गंजाम जिले के लोग वर्षों से धार्मिक आस्था के साथ काले हिरणों की सुरक्षा कर रहे हैं। काला हिरण संरक्षण समिति (गंजाम) के अध्यक्ष अमूल्य उपाध्याय के अनुसार, "क्षेत्र के लोग मानते हैं कि खेतों में काले हिरणों का दिखना शुभ संकेत है।"
उन्होंने कहा कि गांवों के लोग इन हिरणों को नुकसान नहीं पहुंचाते है और हिरण स्वतंत्र रूप से घूमते हैं।
फिलहाल काले हिरणों का एकमात्र प्राकृतिक आवास जिला गंजाम है।
पुरी जिले के बालुखंड-कोणार्क वन्यजीव अभयारण्य में भी कुछ समय पहले काले हिरण देखे जाते थे, लेकिन 2012-13 के बाद वे यहां से लुप्त हो गए। वन विभाग अब पुरी अभयारण्य में काले हिरणों को स्थानांतरित कर उनके पुराने आवास को पुनर्जीवित करने की पहल कर रहा है।
घुमुसर उत्तर वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु शेखर मोहंती ने बताया कि अब तक तीन मादा और एक नर काले हिरणों को पुरी स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले के तहत जल्द ही चार और काले हिरणों को वहां भेजा जाएगा।
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