Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर केस के विरोध में दिल्ली-NCR में डॉक्टरों की हड़ताल छठे दिन भी जारी, AIIMS में OPD सेवाएं ठप्प
कोलकाता रेप मर्डर केस के विरोध में शनिवार को दिल्ली में आज भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया कि यह हड़ताल 24 घंटे तक चलेगी।
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कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर देशभर में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शनिवार को छठे दिन भी जारी रही। इस दौरान अस्पतालों में सभी वैकल्पिक सेवाएं निलंबित रहीं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल भी शनिवार सुबह छह बजे प्रारंभ हुई।
प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) के सदस्य शुक्रवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन के बाद शाम को फिर से विरोध-प्रदर्शन के लिए एकत्र होंगे।
दिल्ली सरकार के अस्पतालों के चिकित्सकों ने एम्स, आरएमएल अस्पताल और डीडीयू अस्पताल सहित विभिन्न आरडीए के आह्वान पर बलात्कार-हत्या की घटना के विरोध में पूरे शहर में विरोध मार्च और मोमबत्ती जुलूस निकाले।
आईएमए ने ‘समान एकीकृत कार्य योजना’ को लागू करने पर सामूहिक रूप से सहमति व्यक्त की, जिसका उद्देश्य सुरक्षा से जुड़े एक ऐसे अधिनियम की मांग करना है, जो पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के हितों और जीवन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
आरडीए ने इस बात पर जोर दिया कि यह विरोध-प्रदर्शन केवल न्याय की मांग भर के लिए नहीं है, बल्कि आगे हिंसा रोकने तथा स्वास्थ्य सेवा में अग्रिम मोर्चे पर काम करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी है।
नोएडा के अस्पतालों में हड़ताल का असर, ओपीडी बंद, मरीज परेशान
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से हुई हैवानियत के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पूरे देश भर में सभी ओपीडी, लैब और डायग्नोसिस सेंटर समेत अन्य सभी सेवाओं को बंद रखने का आवाहन किया है। इसका असर शनिवार को नोएडा में दिखना शुरू हो गया। सुबह से ही प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में सेवाएं ठप हैं। ओपीडी में पहुंच रहे मरीज मायूस होकर वापस जा रहे हैं।
शनिवार सुबह से ही सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पहुंच रहे मरीज मायूस होकर वापस लौट रहे हैं। नोएडा के निठारी के पास बना चाइल्ड पीजीआई, जहां बच्चों का इलाज होता है, में लोग अपने बच्चों को लेकर पहुंचे लेकिन उन्हें इमरजेंसी को छोड़कर कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है। वो परेशान होकर वापस लौट रहे हैं।
यही हाल प्राइवेट अस्पतालों का भी है।
इससे पहले, शुक्रवार को अपने-अपने अस्पताल परिसरों में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हजारों चिकित्सक बाहर निकले और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया तथा निर्माण भवन के बाहर धरना भी दिया।
इन सब घटनाक्रमों के बीच मरीजों को जरूरी चिकित्सा सेवाओं के लिए परेशानियों का समना करना पड़ रहा है।
हरियाणा के सोहना से दिल्ली एम्स में इलाज कराने आए एक मरीज ने कहा, ‘‘हम इस बात से सहमत हैं कि जो कुछ हुआ वह बर्बर था और त्वरित न्याय दिया जाना चाहिए, लेकिन आप बेकसूर लोगों को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। सोमवार से मैं अपना इलाज कराने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने मुझे वापस जाने को कहा, क्योंकि चिकित्सक हड़ताल पर हैं।’’
गौरतलब है कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत का विरोध अब पूरे देश में फैल चुका है। देश भर के अलग-अलग हिस्सों में डॉक्टर लगातार हड़ताल कर रहे हैं और कैंडल मार्च निकालकर इसका विरोध भी जता रहे हैं। इसके साथ ही अन्य संगठनों ने भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है।
डॉक्टरों का कहना है कि अगर हम अस्पताल के अंदर ही सेफ नहीं है तो फिर बाहर क्या कहा जाए। ग्रेटर नोएडा के सरकारी अस्पताल जिम्म्स में भी हड़ताल का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। यहां पर भी पर्ची काउंटर से लेकर सभी सुविधाएं पूरी तरीके से ठप हैं।
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