प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिया मलिक की पत्नी और बेटी के नाम पर 58 एफडी जब्त कर ली हैं।
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जानकार सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा जब्त की गई कुल राशि 2.89 करोड़ रुपये है। इन सावधि जमाओं का जिक्र मंगलवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत में ईडी द्वारा दायर पहली चार्जशीट में है।
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले कुछ बैंक खातों में मौजूद 16.87 करोड़ रुपये भी फ्रीज कर दिए गए थे। आरोप पत्र में, ईडी ने कोलकाता स्थित व्यवसायी बकीबुर रहमान के स्वामित्व वाली 101 संपत्तियों के अस्तित्व के बारे में भी उल्लेख किया है, जो मामले के संबंध में गिरफ्तार किए गए पहले व्यक्ति थे।
जांच एजेंसी ने राज्य के निवर्तमान वन मंत्री मल्लिक की पत्नी और बेटी के बयान दर्ज किए हैं, जो राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, उनमें से किसी को भी आरोप पत्र में आरोपी के रूप में संदर्भित नहीं किया गया है, जो मंत्री और गिरफ्तार व्यवसायी को राशन वितरण मामले के मास्टरमाइंड के रूप में पहचानता है।
आरोप पत्र में, ईडी ने लगभग 10 कॉर्पोरेट संस्थाओं का भी उल्लेख किया है, जिनके बारे में जांच अधिकारियों का मानना है कि ये फर्जी इकाइयां हैं जो घोटाले की आय को प्रसारित करने के लिए हैं।
ईडी की खोज के अनुसार, इन 10 संस्थाओं में से कई को अप्रत्यक्ष रूप से गिरफ्तार मंत्री द्वारा नियंत्रित किया गया था, इसमें पत्नी और बेटी सहित उनके पारिवारिक संबंधों के साथ-साथ उनके करीबी सहयोगियों को निदेशकों के रूप में नियुक्त किया गया था।
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के मुताबिक, इनमें से कुछ कॉरपोरेट इकाइयां पहले ही परिसमापन की प्रक्रिया में जा चुकी हैं।
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