मस्जिदों से की जा रही कोरोना से बचाव की अपील
घाटी में स्थित बड़ी संख्या में मस्जिदों पर हमेशा आतंकवाद को पनपाने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन अब कोरोना महामारी में इनकी तस्वीर बदलती दिखाई दे रही है।
मस्जिदों से की जा रही कोरोना से बचाव की अपील |
कोरोना काल में मची तबाही तथा शासन व सुरक्षा बलों के आह्वान पर अब इन मस्जिदों के इमाम अथवा मौलवी लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए निर्धारित कोरोना प्रोटोकॉल (एसओपी) को सख्ती से अमल में लाने की अपील कर रहे हैं।
मालूम हो कोरोना संक्रमण की पहली लहर हो अथवा जारी दूसरी लहर का कहर इन दोनों बार इस महामारी के सर्वाधिक संक्रमित मामले घाटी में दर्ज किए गए हैं। इसकी एक वजह यह भी सामने आई है कि लोग महामारी के दौरान एसओपी का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण महामारी का संक्रमण तेजी से फैलता चला गया।
घाटी में विभिन्न जिलों के जिलाधीशों द्वारा जब कोरोना कफ्र्यू के साथ-साथ अन्य कड़े कदम उठाए गए तो घाटी के लोगों में इस महामारी को लेकर जागरूकता बढ़ी।
हालांकि पिछले महीनों में कुछ मुठभेड़ों के दौरान आतंकियों ने मस्जिदों में घुसने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाबलों ने बेहद सावधानी पूर्वक उन्हें मार गिराया। प्रशासन तथा सुरक्षा बलों की ओर से ऐसी मस्जिदों के प्रबंधकों तथा इमामों को कई कड़ी हिदायत भी दी गई जिसके कारण अब माहौल में बदलाव के साथ यहां की मस्जिदों की तस्वीर बदलने लगी है।
अब ऐसी मस्जिदों से मुठभेड़ स्थल पर सुरक्षाबलों पर पथराव को लेकर लोगों को भड़काने तथा वहां पहुंचने की अपील की बजाए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए इसके प्रोटोकॉल को सख्ती से अमल में लाने के साथ-साथ टीकाकरण के लिए भी कहा जा रहा है।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि विगत दिनों पवित्र रमजान के दौरान मस्जिदों के इमाम तथा मौलवियों ने अपने खुतबे यानी धार्मिंक प्रवचन में तमाम नमाजियों को इस संक्रमण से बचने कि बार-बार अपील की जबकि आमतौर पर हर शुक्रवार नमाज के बाद पवित्र कुरान के हवाले से नैतिकता तथा इस्लामिक शिक्षा का प्रवचन दिया जाता।
प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के लाल बाजार स्थित एक मस्जिद के इमाम खुर्शद अजर के मुताबिक शुक्रवार को इस महामारी से बचने के लिए विशेष प्रार्थना की गई। वहीं लोगों से इस महामारी से बचने के लिए निर्धारित एसओपी यानी कोरोना प्रोटोकॉल को सख्ती से अमल में लाने को कहा गया।
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