दिल्ली-NCR में जानलेवा गर्मी: निगमबोध घाट पर दो दिन में 232 शवों का दाह संस्कार, सामान्य दिनों के मुकाबले दोगुने से ज्यादा आंकड़ा

Last Updated 20 Jun 2024 03:20:51 PM IST

दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। लोगों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


गर्मी के चलते धूप में बाहर रहने को मजबूर लोगों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। लोगों की मौतें भी हो रही हैं। दिल्ली के श्मशान निगमबोध घाट पर रोजाना आने वाले शवों की संख्या भी बढ़ गई है।

एक तरफ जहां निगमबोध घाट में रोजाना 50 से 60 शव पहुंचते थे, वहीं यहां बीते दो दिनों में यह संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है।

निगमबोध घाट प्रशासन के मुताबिक, 19 जून को दिल्ली से लगभग 142 शव निगमबोध घाट पहुंचे और 18 जून को करीब 90 शव निगमबोध घाट आए।

दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान निगमबोध घाट के इंचार्ज सुमन गुप्ता के मुताबिक, बीते 2 दिनों में शमशान आने वाले शवों की संख्या सामान्य से दोगुनी से अधिक हो गई है। उन्होंने बताया कि रोजाना निगमबोध घाट पर तकरीबन 50 से 60 शव आते हैं। इस बार जून के महीने में पहली तारीख से लेकर 19 जून तक तकरीबन 1100 शव आ चुके हैं। कोविड के दौरान जून के महीने में शवों की संख्या 1500 थी। अभी इस महीने में 10 दिन बाकी हैं। यही सिलसिला रहा तो कोविड के आंकड़ों की बराबरी हो सकती है।

सुमन गुप्ता ने बताया कि निगमबोध घाट पर 19 जून को 142 शव अंतिम संस्कार के लिए लाए गए, उससे पहले 18 जून को 90 शव लाए गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक के इतिहास में कोविड के दौरान एक दिन में सबसे ज्यादा 253 शव निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लाने का रिकॉर्ड है।

उसके बाद से 19 जून 2024 को आए 142 शवों की संख्या दूसरी सबसे बड़ी संख्या मानी जा रही है।

सुमन गुप्ता के मुताबिक शवों की संख्या भीषण सर्दियों में बढ़ती है। उस दौरान बुजुर्गों को सांस लेने में परेशानी होती है। उस वक्त भी ज्यादा मौतें होती हैं, जिसकी वजह से शवों की संख्या बढ़ जाती है।

गौरतलब है कि भीषण गर्मी के चलते दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे एनसीआर में लोगों का हाल बेहाल है। नोएडा की बात करें तो यहां भी एक दिन में करीब 14 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की खबर सामने आई थी। वहीं गाजियाबाद में भी बीते 3 दिनों में 30 से ज्यादा संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले सामने आ चुके हैं।

सामने आ रहे इन आंकड़ों पर सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इन सभी मौतों के पीछे असल वजह क्या है, इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगा।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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