जल बोर्ड के लिए धन जारी करें प्रधान सचिव
सुप्रीम कोर्ट ने आप-नीत दिल्ली सरकार की एक याचिका पर शुक्रवार को प्रधान सचिव (वित्त) को दिल्ली जल बोर्ड को धन जारी करने के लिए कहा। शीर्ष अदालत ने मामले में डीजेबी को पक्षकार बनाने का भी निर्देश दिया है।
जल बोर्ड के लिए धन जारी करें प्रधान सचिव |
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली के प्रधान सचिव (वित्त) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी की दलीलों का संज्ञान लिया कि अपने ही अधिकारी के खिलाफ याचिका दायर करने वाली दिल्ली सरकार ने डीजेबी को पक्षकार नहीं बनाया है।
जेठमलानी ने कहा, ‘उन्होंने (दिल्ली सरकार) डीजेबी को पक्षकार नहीं बनाया है, जबकि डीजेबी ही वह प्राधिकार है, जिसे धन की जरूरत है।’
पीठ ने कहा, ‘हम डीजेबी को (एक पक्ष के रूप में) उनसे (बकाया राशि के बारे में) पता लगाने के लिए पक्षकार बनाएंगे..इस बीच, वह धनराशि जारी करें जिसका भुगतान करना है।’
सुनवाई की शुरुआत में दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि संबंधित मंत्री ने वित्त सचिव को छह बार पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक समूची धनराशि जारी नहीं की गई है। पीठ ने कहा कि वह जल बोर्ड से बकाये धनराशि के बारे में जानना चाहती है।
अदालत ने यह भी कहा कि इन मुद्दों का शीघ्र निपटारा करने की जरूरत है। पीठ ने दिल्ली सरकार की याचिका की अगली सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख निर्धारित की।
शीर्ष अदालत ने एक अप्रैल को दिल्ली के प्रधान सचिव (वित्त) को आप-नीत सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि अधिकारी विधानसभा द्वारा बजटीय मंजूरी के बावजूद दिल्ली जल बोर्ड को धन जारी नहीं कर रहे।
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