Delhi excise policy case : ED रिमांड से CM Kejriwal ने फिर जारी किए निर्देश, रोक के लिए हाईकोर्ट में याचिका
आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले (Delhi excise policy case) में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal को ईडी की हिरासत से कोई आदेश देने से रोकने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
अरविंद केजरीवाल |
साथ ही उनके हिरासत में रहने के दौरान टाइपिस्ट, कंप्यूटर, प्रिंटर आदि उपलब्ध न कराने का भी आग्रह किया गया है। इससे पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। उसपर भी अभी तक सुनवाई नहीं हुई है।
उधर, मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी के मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों में दवाओं और जांच की सुविधा की कमी को दूर करने के लिए ईडी की हिरासत से निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी।
यह ईडी की हिरासत से केजरीवाल द्वारा जारी किया गया दूसरा निर्देश है। भारद्वाज ने कहा, बुधवार को दिल्ली विधानसभा का सत्र आहूत किया गया है। भारद्वाज ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कल दिल्ली विधानसभा का सत्र है।
मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में मुफ्त दवाइयों और मुफ्त जांच की स्थिति बताएं और यदि कोई कमी हो तो उसको ठीक करने का पूरी योजना लेकर आएं ताकि मैं विधानसभा को सूचित कर सकूं। इस बीच हाईकोर्ट मेंसुरजीत सिंह यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
उन्होंने ईडी की हिरासत से दिल्ली की मंत्री आतिशी को आदेश पारित करने को लेकर शिकायत दर्ज करने, जांच करने और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की भी मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि ईडी की हिरासत से केजरीवाल का आदेश आतिशी के पास पहुंचने की जांच की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल का आदेश निष्पक्ष और उचित जांच को प्रभावित कर सकता है। जबकि निष्पक्ष व सही जांच हमेशा न्याय के उद्देश्यों और कानून के शासन की स्थापना के लिए उचित होती है।
याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता शशि रंजन कुमार सिंह और महेश कुमार के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा है कि हिरासत में रहते हुए केजरीवाल निर्देश और आदेश जारी कर संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत उन्हें दी गई गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने 21 मार्च को कई चैनलों को साक्षात्कार दिए हैं, जिसमें उन्होंने कहा और पुष्टि की है कि केजरीवाल अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
अगर जरूरत पड़ी तो जेल से सरकार चलाएंगे, लेकिन गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल का दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना आम जनता की नजर में दिल्ली सरकार की विश्वसनीयता और छवि को खराब करता है।
कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी : योजना सचिव
सरकार के योजना विभाग ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा है कि दिल्ली सरकार की मौजूदा कल्याणकारी योजनाएं चलती रहेंगी।
बयान में कहा है कि कुछ उपद्रवी तत्व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। राजधानी के लोगों से इस तरह के भ्रम से बचने की अपील की गयी है। राजनिवास ने जारी बयान में भी इसकी पुष्टि की गयी है।
राजनिवास ने जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी एक कानूनी प्रक्रिया है। इसका सरकार की कल्याणकारी योजनाओं -सब्सिडी न मिलने या न मिलने से कोई संबध नहीं है।
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