डीयू : 40 फीसद कॉलेजों में लाइब्रेरियन के पद खाली
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से सम्बद्ध कॉलेजों में 40 फीसद लाइब्रेरियन के पद खाली पड़े है। इन पदों पर या तो सेमी प्रोफेशनल असिस्टेंट लगे हुए हैं या एडहॉक के रूप में लाइब्रेरियन की नियुक्ति की गई है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) |
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के अध्यक्ष डॉ हंसराज ने बताया है कि किसी भी शैक्षिक संस्थान-कॉलेज में प्रिंसिपल के बाद लाइब्रेरियन का पद सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
प्रिंसिपल व लाइब्रेरियन दोनों ही संस्थान-कॉलेज को सबसे ज्यादा समय सबसे देते हैं। कॉलेज में लाइब्रेरियन ही छात्रों के पाठ्यक्रमों की पुस्तकें व सामान्य पुस्तकों को मंगवाने का कार्य लाइब्रेरियन का होता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से मांग की है कि वे दिल्ली सरकार के अपने कॉलेजों के चेयरमैन से लाइब्रेरियन के पदों को भरने के निर्देश जारी करें।
उन्होंने वाइस चांसलर प्रो योगेश कुमार सिंह से एडहॉक व स्थायी नियुक्ति न करने संबंधी सकरुलर भी वापस लेने की मांग की है।
उनका कहना है कि लंबे समय से प्रिंसिपलों, टीचर्स व लाइब्रेरियन की नियुक्ति न होने से कॉलेज की तमाम गतिविधयां रु की हुई है।
उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार के ही कॉलेजों में टीचिंग व नॉन टीचिंग में एससी-एसटी ओबीसी कोटे की सबसे ज्यादा वेकेंसी खाली पड़ी हुई है जिसे यूजीसी ने 31 मार्च 2023 तक भरने के निर्देश जारी किए हुए हैं।
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