रेमडेसिविर के इस्तेमाल पर केंद्र के नए प्रोटोकॉल पर हाईकोर्ट नाराज
हाईकोर्ट ने रेमडेसिविर दवा के इस्तेमाल पर केंद्र के नए प्रोटोकॉल को लेकर नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति प्रतिबा मनिंदर सिंह ने कहा कि अगर सिर्फ ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों को ही रेमडेसिविर देने की इजाजत है तो यह अविवेकपूर्ण है।
![]() रेमडेसिविर के नए प्रोटोकॉल पर हाईकोर्ट नाराज |
न्यायमूर्ति ने केंद्र से इस पर 29 अप्रैल को जवाब देने को कहा है। साथ ही बीमा क्लेम का निपटारा करने में एक दिन से ज्यादा लेने पर न्यायमूर्ति ने आईआरडीए को भी तलब कर लिया है। बीमा क्लेम निपटाने में एक दिन से ज्यादा लगाने को लेकर एक अस्पताल ने कोर्ट से शिकायत की थी।
न्यायमूर्ति ने केंद्र के प्रोटोकॉल पर कहा कि इसका मतलब तो ये हुआ कि जिसको ऑक्सीजन नहीं मिली, आप उसे रेमडेसिविर दवा भी नहीं देंगे।
उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि यह गलत है। ऐसा लगता है कि दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हुआ है। अब जिनके पास ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है उन्हें रेमडेसिविर दवा नहीं मिलेगी। ऐसा प्रतीत होता है कि आप चाहते हैं लोग मरते रहें।
न्यायमूर्ति ने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र ने रेमडेसिविर की कमी की भरपाई के लिए प्रोटोकॉल ही बदल दिया है। यह सरासर कुप्रबंधन है। एक वकील ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं। पहले कैमिस्ट भी बेच रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने बंद करा दिया। इसी तरह दवाएं भी ब्लैक मार्केट में उपलब्ध हैं।
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