ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं, हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार
राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि दिल्ली के लोगों को समय पर ऑक्सीजन मिले, इसके लिए वह अपना प्लांट क्यों नहीं लगाती है।
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इतना ही नहीं यदि सभी राज्य अपने लिए टैंकरों का स्वयं प्रबंध कर रहे हैं और आपके पास टैंकर नहीं तो आप क्यों ऐसा नहीं कर रहे।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने महाराजा अग्रसेन अस्पताल की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से कहा कि आप केंद्र सरकार के अधिकारियों से बात करें, हम यहां अधिकारियों के बीच संपर्क बिठाने तो नहीं बैठे हैं।
पीठ ने कहा दिल्ली के प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद एक प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं, क्या उन्हें नहीं पता कि ये चीजें कैसे काम करती हैं। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि समस्या यह है कि जब कोई आवंटन किया जाता है, तो आपको लगता है कि वह आपके दरवाजे तक आएगा, लेकिन चीजें ऐसे नहीं चलतीं। आवंटन के बाद आपने ऑक्सीजन टैंकर लेने की क्या कोशिशें कींं? आप सप्लायर्स से बात करें। दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं, तो कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप भी इस स्थिति को हल्के में ले रहे हैं, क्या आपने प्लांट्स से बात करने की कोशिश की। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि आप सिर्फ लिखने और इंतज़ार कर रहे है।
नोडल कार्यालय क्या कर रहा है? आपको पिछले तीन दिनों में आपूर्तिकर्ताओं से बात करनी थी, आपको पता था कि सप्लाई कहां से आ रही है आप आपूर्तिकर्ताओं के संपर्क में रहें।
पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा, हम हर पल आपकी मदद नहीं कर सकते। लोगों को इस तरह मरने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यदि टैंकों की आपूर्ति कम होती है तो हमें उम्मीद है कि केंद्र व दिल्ली सरकार समन्वय से इस पर काम कर सकते है।
बत्रा अस्पताल के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अस्पताल में इस समय 352 कोविड-19 मरीज भर्ती हैं। उन्हें 8 टन ऑक्सीजन आवंटित की गई है लेकिन उन्हें शुक्रवार को केवल 05 टन ही मिली। हमारा ऑक्सीजन स्टॉक 1 घंटे से अधिक समय तक नहीं चलेगा।
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