दिल्ली : बिना वर्क आर्डर बना दुनिया का सबसे बड़ा कोविड सेंटर !

Last Updated 21 Feb 2021 04:40:31 AM IST

दुनिया का सबसे बड़ा कोविड सेंटर स्थापित करने में हैरतअंगेज मामला सामने आया है। छतरपुर में बने 10 हजार बेड वाले इस सेंटर में तमाम कार्य बिना किसी वर्कऑर्डर के किए गए।


बिना वर्क आर्डर बना दुनिया का सबसे बड़ा कोविड सेंटर !

पीडब्ल्यूडी के विशेष महानिदेशक के अनुसार विभाग ने इसके लिए कभी भी किसी को कोई टेंडर या वर्क आर्डर नहीं दिया था। यह कार्य दक्षिणी जिला के जिलाधिकारी ने कराया है। जबकि जिले के तत्कालीन डीएम बीएम मिश्रा दावा करते हैं कि यह कार्य पीडब्ल्यूडी ने टेंडर के बाद कराया है। उधर, ठेकेदार का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी टेंडर के बावजूद उसका भुगतान नहीं कर रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना त्रासदी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर राजधानी के छतरपुर में विश्व का सबसे बड़ा कोविड सेंटर स्थापित करने की शुरु आत हुई थी। आईटीबीपी के मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ की मदद से इसकी स्थापना दिल्ली में हुई थी। 27 जून, 2020 को गृह मंत्री अमित शाह ने सरदार पटेल के नाम से स्थापित इस सेंटर का उद्घाटन किया था। सूत्रों का कहना है कि 10 हजार बेड वाले इस सेंटर की स्थापना के लिए पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया गया था। हैरानी की बात यह कि पीडब्ल्यूडी से वर्कआर्डर जारी होने से पहले ठेकेदार ने सेटअप लगाना शुरू कर दिया था।

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस सेंटर में 2,300-2,300 बेड वाले चार खंड बनाए गए थे। जिन्हें क्रम और जरूरत के आधार पर उपयोग में लिया जाना था। लेकिन यहां कभी भी इतने मरीज भर्ती नहीं हुए जिससे कि एक के अलावा दूसरे खंड का उपयोग करना पड़े। पिछले दो-तीन महीने से तो यहां मरीजों की संख्या सौ से भी कम है। इस सेंटर में अभी तक 12,051 कोरोना पीड़ित मरीज भर्ती हुए, जिनमें से 11,644 ठीक होकर वापस जा चुके हैं।
सेंटर का सेटअप करने वाले ठेकेदार अनिल मित्तल का कहना है कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी के कहने पर यहां सैंपल के तौर पर काम शुरू किया था। इस दौरान उन्होंने टेंडर प्रक्रिया में भी हिस्सा लिया। तत्कालीन एडीजी अनिल कुमार आहूजा ने उन्हें कहा था कि हमारी कंपनी टेंडर प्रक्रिया में चुन ली गई है। वर्क ऑर्डर जारी होने में थोड़ा समय लग रहा है, लिहाजा हालात को देखते हुए हम काम तेजी से पूरा करें। लिहाजा हमने बिना वर्क ऑर्डर के ही काम शुरू कर दिया लेकिन बाद में पीडब्ल्यूडी ने उन्हें वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया और अब भुगतान करने से इनकार कर दिया है।
उधर, पीडब्ल्यूडी के एसडीजी और प्रमुख अभियंता शशिकांत का कहना है कि पीडब्ल्यूडी ने इस काम के लिए टेंडर के आधार पर किसी भी कंपनी को आज तक कोई वर्क ऑर्डर दिया ही नहीं है। उनका कहना है कि यह कार्य दक्षिणी जिला डीएम के स्तर पर कराया गया है। उधर, दक्षिणी दिल्ली डीएम अंकिता चक्रवर्ती कहती हैं कि इस विषय में उच्च स्तर पर विचार चल रहा है। यह पूछने पर कि इस कार्य के लिए डीएम कार्यालय ने टेंडर या वर्क ऑर्डर जारी किया था या नहीं ? वह कोई जवाब नहीं देतीं। उधर, तत्कालीन डीएम बीएम मिश्रा का कहना है कि यह कार्य पीडब्ल्यूडी ने टेंडर के माध्यम से कराया था और कार्य पीडब्ल्यूडी सचिव की निगरानी में हो रहा था। वह नहीं जानते कि पीडब्ल्यूडी अधिकारी किस कारण से झूठ बोल रहे हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो/सुबोध जैन
नई दिल्ली


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