झारखंड सरकार की नियोजन नीति (रिक्रूटमेंट पॉलिसी) के विरोध में छात्र संगठनों की ओर से बुधवार को बुलाए गए बंद का रांची सहित राज्य के कई इलाकों में खासा असर देखा जा रहा है।
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चाईबासा, जमशेदपुर, रामगढ़, दुमका, सरायकेला, साहिबगंज, गिरिडीह, बोकारो जिले में छात्रों ने कई स्थानों पर हाईवे और प्रमुख सड़कों का जाम कर विरोध जताया है। कई जगहों पर बाजार और दुकानें भी बंद कराई गई हैं। रांची में ज्यादातर स्कूल-कॉलेज बंद रखे गए हैं। रांची सहित एक-दो शहरों में पुलिस के साथ बंद समर्थकों की झड़प भी हुई है।
बंद के आह्वान को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। राज्य के सभी जिलों की पुलिस अलर्ट मोड में है।
रांची में अहले सुबह छात्रों का दल राजधानी के मोरहाबादी इलाके में साप्ताहिक बाजार पहुंचा और उसे बंद कराने की कोशिश की। यहां पुलिस ने छात्रों को खदेड़ दिया। रांची के रातू में भी सड़क जाम करने की कोशिश की गई। प्रशासन के हस्तक्षेप पर यहां जाम हटा लिया गया। रांची शहर में आटो भी नहीं चले। इसके चलते शहर के लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। रांची पुलिस ने बंद कराने की कोशिश कर रहे तीन दर्जन से ज्यादा छात्रों को हिरासत में लिया है। रांची के एसएसपी किशोर कौशल ने कहा कि जबरन बंद कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रामगढ़ में छात्रों ने रांची-पटना मुख्य मार्ग को दो घंटे तक जाम कर दिया। इसकी वजह से एनएच 33 पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही। रांची-पतरातू रोड को भी बंद समर्थकों ने काफी देर तक जाम रखा और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जमशेदपुर में बंद समर्थक छात्रों ने कांड्रा के पास हाईवे पर जगह-जगह टायर जलाकर जाम लगा दिया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम हटवाया।
इसके अलावा करनडीह चौक पर छात्र बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। इससे सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। चाईबासा शहर में छात्रों ने घूम-घूमकर पूरा बाजार बंद करा दिया। लाठी-डंडों से लैस छात्रों ने कई चौक-चौराहों पर आग जलाकर विरोध जताया।
साहिबगंज शहर में साक्षरता चौक को छात्रों ने जाम कर दिया और बाजार बंद करा दिए। कई जगहों पर महिलाएं और छात्राएं भी बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरीं। धनबाद और गिरिडीह में कई स्थानों पर बाजार बंद कराया गया और सड़कों पर जाम लगा दिया गया। चक्रधरपुर में भी बंद समर्थकों ने सड़क पर जाम लगाया।
बंद बुलाने वाले छात्र संगठनों का कहना है कि प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि सरकार ने जो नई नियोजन नीति लाई है उसमें प्रदेश की नौकरियों में नियुक्ति के लिए 60-40 का अनुपात लागू किया गया है। यानी 40 प्रतिशत पदों पर झारखंड के बाहर के राज्यों के अभ्यर्थियों का कब्जा हो जाएगा। छात्र तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियां इस प्रदेश के मूल निवासी युवाओं के लिए आरक्षित करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा सरकारी संस्थानों में डीएलएड की पढ़ाई बंद करने पर भी छात्र विरोध जता रहे हैं।
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