मोदी के कारगिल शहीद नारे के उल्लेख पर विवाद
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के एनडीए के लिए 300 सीट जीताने की अपील करते हुए कारगिल शहीद के नारे का जिक्र करने का विषय विवादों में घिर गया.
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो) |
सैनिक के परिवार ने इस पर आपत्ति की और राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों ने इस पर निशाना साधा.
हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने दिवंगत कैप्टन विक्र म बत्रा के नारे ‘ये दिल मांगे मोर’ का जिक्र करते हुए अपनी पार्टी के लिए वोट मांगा. बत्रा कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे.
मोदी ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश के एक बेटे कैप्टन विक्रम बत्रा ने अपना बलिदान दिया और उन्होंने कहा था, ‘‘ये दिल मांगे मोर’.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं भी कहता हूं कि ‘ये दिल मांगे मोर’. हम हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटों और देश में 300 कमल खिलाना चाहते हैं... ये दिल मांगे मोर.’’
हालांकि, भाजपा नेता के इस तरह से कैप्टन बत्रा के नारे के उल्लेख पर उनके परिवार ने कहा कि शहीद के नाम पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
बत्रा के पिता जीएल बत्रा ने कहा, ‘‘इस समय विक्र म बत्रा जी के नाम पर राजनीति करना मैं समझता हूं कि ठीक नहीं है. वह देश का बहादुर बेटा था जिसने देश के लिए बलिदान दिया. अब वे उन्हें याद करते हुए राजनीति कर रहे हैं, तब मैं समझता हूं कि यह ठीक नहीं है.
जीएन बत्रा ने भाजपा से पूछा कि पार्टी ने उनकी पत्नी कमल कांत के खिलाफ हमीरपुर से अपना प्रत्याशी क्यों नहीं हटाया जो आप के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.
शहीद की मां ने कहा कि अगर वह भी उनके नाम का इस्तेमाल करती है तब उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि उन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी.
कांग्रेस ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि तुच्छ राजनीति के लिए शहीद के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि मोदी की यह आदत बन गई है कि शहीदों की स्मृतियों समेत सभी को नीचा दिखायें.’’
उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक मतभेदों के बावजूद शहीद पूरे देश का होता है, मोदी को शहीदों का सम्मान करना सीखना चाहिए और राजनीति के लिए उनके नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.’’
भाजपा ने हालांकि मोदी का बचाव करते हुए कहा कि यह उद्धरण किसी की निजी सम्पत्ति नहीं है.
भाजपा ने कहा, ‘‘ये दिल मांगे मोर शहीद की स्मृति है और उनकी मां की स्मृति नहीं है. शहीद के शब्दों का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन कोई इसका स्वामित्व नहीं ले सकता. यह किसी परिवार की निजी सम्पत्ति नहीं हो सकती है.’’
भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘‘मैं दुख के साथ कठोर शब्दों का प्रयोग कर रही हूं श्रीमती बत्रा लेकिन चुनाव प्रदर्शन के आधार पर लड़े जाते हैं. यह नारा किसी कंपनी का है.’’
आप नेता आशुतोष ने कहा कि, ‘‘मैं मोदी के बयान और भाजपा की प्रतिक्रिया से स्तब्ध हूं. अगर आप बत्रा जैसे शहीदों का सम्मान नहीं कर सकते तब उनका मजाक नहीं उड़ाये.’’
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