अफ्रीकी चीते लाने के प्रयास में जुटा गुजरात का सबसे पुराना चिड़ियाघर

Last Updated 19 May 2014 06:51:57 PM IST

जूनागढ़ का शक्करबाग चिड़ियाघर अपने यहां चीतों की गिरती संख्या को नियंत्रित करने के लिए अफ्रीका से इस जानवर का एक युवा जोड़ा हासिल करने के प्रयास कर रहा है.


वर्ष 1863 में स्थापित इस विशाल चिड़ियाघर में ही गिर वन के एशियाई शेरों का प्रजनन केंद्र भी है. यहां वर्ष 2009 में वन्यजीव विनिमय कार्यक्रम के तहत सिंगापुर से चार चीते लाये गये थे.

जिनमें से तीन की पिछले लगभग चार साल में मौत हो चुकी है और अब केवल एक मादा चीता ही बची हुई है.

चिड़ियाघर के अधीक्षक वी. एम. राणा ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि अफ्रीकी चीते हासिल करने की प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार से जरूरी अनुमति के लिए लोकसभा चुनाव से पूर्व लिखा गया था.

अब इस प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास किये जा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि एक सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक से दौड़ने की क्षमता रखने वाले दुनिया के इस सबसे तेज धावक वन्यजीव की एक चिड़ियाघर के भीतर औसत आयु 10 से 12 साल ही होती है.

इसलिए इस बार युवा जोड़ा हासिल करने के प्रयास किये जा रहे हैं.पिछली बार जो चीते लाये गये थे उनकी उम् उस समय लगभग नौ वर्ष थी जो अधिक थी.



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