2002 अक्षरधाम हमला : 11 साल के बाद रिहा हुए चार दोषी
उच्चतम न्यायालय द्वारा 2002 अक्षरधाम मंदिर आतंकवादी हमले के सभी छह दोषियों को बरी किए जाने के बाद 11 साल से जेल में बंद चार लोगों को शनिवार को साबरमती केन्द्रीय कारागार से रिहा किया गया.
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इसकी पुष्टि करते हुए कारागार अधीक्षक आरएस भगोरा ने बताया कि सभी चार कैदियों को शनिवार की शाम रिहा कर दिया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश और उनके वकीलों की ओर से दायर अन्य हलफनामों के आधार पर हमने सभी चार लोगों को रिहा कर दिया है.’’
उच्चतम न्यायालय ने कल अपने आदेश में अक्षरधाम हमले के सभी छह दोषियों को बरी करते हुए कहा था, ‘‘अभियोजन की कहानी हर स्तर पर टूटती नजर आती है.’’
गांधीनगर में स्थित इस मंदिर पर 24 सितंबर 2002 में हुए हमले में 30 लोग मारे गए थे.
इस मामले में कल उच्चतम न्यायालय ने जिन छह लोगों को बरी किया है उनके नाम हैं.. अल्ताफ मलिक, अब्दुलमियां कादरी, आदम अजमेरी, मोहम्मद हनीफ शेख, अब्दुल कयूम और चांद खान उर्फ शान मियां.
बचाव पक्ष के एक वकील एजाज कुरैशी ने बताया, ‘‘इनमें से अल्ताफ को स्थानीय अदालत ने पांच साल सजा सुनायी थी. वह सजा पूरी कर पहले ही रिहा हो चुका है.
अब्दुलमियां को 10 साल कारावास की सजा मिली थी, उसे सात साल के बाद जमानत पर रिहाई मिल गयी थी और कल के फैसले के वक्त वह जेल से बाहर था.’’
उन्होंने बताया, ‘‘इन दोनों के अलावा बाकी चारों 11 साल से जेल में बंद थे.’’
इन चारों में से- आदम अजमेरी, अब्दुल कयूम और चांद खान उर्फ शान मियां को स्थानीय अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी. मोहम्मद हनीफ शेख को मौत तक उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी.
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