सुप्रीम कोर्ट पहुंचा महिला की जासूसी का मामला, हमें नहीं चाहिए कोई जांचः पिता
गुजरात में महिला की कथित जासूसी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
महिला की जासूसी का मामला (file photo) |
गुजरात सरकार पर जिस महिला की जासूसी कराए जाने का आरोप लगाया गया है उसके पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि मामले की जांच के लिए आयोग गठित करने संबंधी केन्द्र के कथित फैसले पर रोक लगाई जाए.
महिला के पिता ने निजता के हनन का आरोप लगाते हुए कहा जाने वाली सरकार को जांच आयोग गठित करने से रोका जाए. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि मामले में शामिल परिवार की पहचान की सुरक्षा की जाए.
केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा था कि महिला जासूसी कांड की जांच के लिए 16 मई से पहले न्यायाधीश नियुक्त कर दिया जाएगा. एनसीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने इसका विरोध किया था. दोनों पार्टियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में 10 दिन भी नहीं बचे हैं,ऎसे में जांच के लिए न्यायाधीश की नियुक्ति करना सही नहीं है.
कांग्रेस का कहना है कि इस पर कोई समझौता नहीं होगा क्योंकि मामला देश की महिला से जुड़ा है. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और चुनाव आयोग की सलाह के बाद सरकार ने न्यायाधीश की नियुक्त का फैसला अगली सरकार पर छोड़ दिया है.
एक वेबसाइट ने खुलासा किया था कि नरेन्द्र मोदी के करीबी अमित शाह ने साहेब के कहने पर महिला की जांच कराई थी. कांग्रेस का आरोप है कि साहेब कोई और नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी ही है.
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