..जब मुख्यमंत्री रमन सिंह बन गए राजमिस्त्री
छत्तीसगढ़ में लोक सुराज अभियान के पांचवें दिन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की शंकरगढ़ विकासखंड के जोकापाट गांव में पहुंचे.
..जब मुख्यमंत्री रमन सिंह बन गए राजमिस्त्री |
यहां शोबरन नाग के मकान की जुड़ाई का काम चल रहा था. मुख्यमंत्री ने शोबरन का गमछा अपने सिर पर बांधा ओर ईंट जोड़ाई के काम में जुट गए.
श्रमदान करने के बाद रमन सिंह शोबरन की पत्नी उर्मिला से बोले, "तुम्हारे घर मेहमान आए हैं क्या खिलाओगी?"
उर्मिला ने सकुचाते हुए गुड़ और बिस्कुट निकाल कर मुख्यमंत्री के सामने रख दिया. डॉ. सिंह ने उन्हें धन्यवाद दिया और शोबरन दंपति से पूछा कि किसी और चीज की जरूरत तो नहीं है?
शोबरन नाग ने बकरी पालन के लिए बाड़े की और उर्मिला ने घर के आस-पास एक हैंडपंप की जरूरत बताई.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नाग दंपत्ति की मदद करने और उनके मोहल्ले में हैंडपंप लगवाने के निर्देश दिए.
इस गांव में शोबरन नाग सहित 57 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान निर्माण के लिए एक लाख 30 हजार रुपये के मान से राशि मंजूर की गई है.
डॉ. सिंह ने जोकापाट में आम के पेड़ों की छांव में चैपाल लगाई. चौपाल के पास ही देवसाय नाग के खेत में मनरेगा के तहत 2003 में बना कुआं और उस पर लगा पंप देखकर मुख्यमंत्री वहां भी पहुंच गए. उन्होंने पंप चालू करवाया और उसका पानी भी पिया.
मुख्यमंत्री ने तीन एकड़ जमीन के किसान देवसाय नाग को सौर सुजला योजना के तहत सोलर पंप की भी मंजूरी देने का निर्णय लिया. चौपाल में लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी और उनका लाभ उठाने की अपील की.
उन्होंने ग्रामीणों से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में भी पूछा. इसके अलावा गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र का भी निरीक्षण किया.
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