जमानत की शर्तें मानने से इनकार के बाद प्रशांत किशोर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

Last Updated 06 Jan 2025 08:24:56 PM IST

जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, क्योंकि उन्होंने सोमवार को अदालत द्वारा दी गई सशर्त जमानत स्वीकार करने से इनकार कर दिया।


अदालत ने उन्हें 25000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। लेकिन पीके सशर्त जमानत लेने को तैयार नहीं हुए। जिसमें यह शर्त शामिल थी कि किशोर भविष्य में इस तरह की गतिविधियों से दूर रहेंगे, लेकिन उन्होंने अपने चल रहे सत्याग्रह के सिद्धांत का हवाला देते हुए इस शर्त को अस्वीकार कर दिया।

किशोर ने अपने फैसले को उचित ठहराते हुए कहा, "मुझे जमानत दी गई थी, लेकिन शर्त यह थी कि मैं फिर से ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होऊंगा। यह लड़ाई मौलिक अधिकारों और न्याय के लिए है। अगर बिहार में महिलाओं और युवाओं पर लाठियों के इस्तेमाल जैसे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना अपराध है, तो मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं। जब तक सरकार समाधान नहीं करती, तब तक हिरासत में रहते हुए भी मेरा सत्याग्रह जारी रहेगा। बिहार वो जगह है, जहां महात्मा गांधी ने सत्याग्रह किया था और अगर बिहार में ऐसा करना अपराध है तो मैं ऐसा अपराध करने के लिए तैयार हूं।"

सोमवार को जमानत बांड दाखिल करने का समय शाम चार बजे तक था, लेकिन प्रशांत किशोर ने अदालत को सूचित किया कि वह सशर्त जमानत लेने के बजाय जेल जाने के लिए तैयार हैं। किशोर बिहार सरकार के कथित बल प्रयोग और अन्य शिकायतों के विरोध में दो जनवरी से भूख हड़ताल पर थे। पुलिस ने किशोर को पटना में गांधी प्रतिमा से गिरफ्तार किया।

अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किशोर ने संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिस को न धक्का दें न उनसे भिड़ें। यह अभियान व्यवस्था के खिलाफ है, पुल‍िस के खिलाफ नहीं। उन्होंने घोषणा की है कि उनकी भूख हड़ताल जेल में भी जारी रहेगी।

आईएएनएस
पटना


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