प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर सियासी पारा गर्माया हुआ है। उन पर प्रतिबंधित गांधी मैदान इलाके में धरना देने के मामले में केस हुआ है। उनकी इस गिरफ्तारी से उनके समर्थकों में गुस्सा है।
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गांधी मैदान में अवैध रूप से धरना देने के आरोप में पटना पुलिस ने जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया है। उनकी इस गिरफ्तारी से उनके समर्थकों में गुस्सा है।
बता दें कि वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ बीपीएससी परीक्षा में धांधली और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे। प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।
इस गिरफ्तारी पर बांका जिला धोरिया प्रखंड से मोहम्मद शहादत हुसैन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, ''हम लोग दो दिन से उनके साथ थे। प्रशांत किशोर आज किसी पहचान के मोहताज भी नहीं हैं। उनको हर कोई जानता है।''
उन्होंने आगे कहा, ''हम शांतिपूर्वक रूप से धरने पर बैठे हुए थे। हमने कोई भी ऐसा काम नहीं किया कि हम पर इस तरह की कार्रवाई की जाए। हम लोग देर रात तक धरने पर डटे हुए थे। बाद में प्रशासन धरना स्थल पर आया और उन्होंने जो व्यवहार किया यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। प्रशांत किशोर जैसे शख्स से अगर सरकार बात ना करना चाहे तो आप सोच सकते हैं कि सरकार की सोच कहां चली गई। हम सभी कार्यकर्ता मिलकर उन्हें सुबह से ढूंढ रहे हैं।''
वहीं बांका जिला के दरिया प्रखंड के जन सुराज पार्टी के प्रखंड उपाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कहा, ''नीतीश कुमार ने पहले तो अपनी नाकामी को छिपाने के लिए छात्रों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया। प्रशांत किशोर के साथ हम लोग चार दिनों से गांधी मैदान में शांति पूर्व अनशन पर बैठे हुए है। नीतीश सरकार को इसका गंभीर परिणाम होगा। जो जेपी आंदोलन 1974 में हुआ था वही आंदोलन अब होगा। आगामी चुनाव में इसका खामियाजा नीतीश कुमार को भुगतना पड़ेगा।''
वहीं प्रदेश में युवा उपाध्यक्ष के पद पर काम कर रहे पार्टी के कार्यकर्ता और जिला पार्षद बलजीत सिंह बिट्टू ने कहा, ''सुबह में प्रशांत किशोर को पुलिस उठा कर ले गई। उस समय हमने पुलिस का गुंडा गर्दी वाला चेहरा देखा। प्रशांत किशोर पर हाथ तक उठाया गया। हमारे सभी कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया।
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