नहीं गिराए जाएंगे सुपरटेक के दोनों टॉवर
नोएडा में सुपरटेक के 40 मंजिला दो टावरों को न गिराने की याचिका पर सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय सहमत है.
सुप्रीम कोर्ट |
सुपरटेक ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
उच्चतम न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और सुपरटेक द्वारा किसी भी फ्लैट की बिक्री या स्थानांतरण पर रोक लगाई लगायी है.
इन दो टॉवरों में 857 अपार्टमेन्ट हैं.
इनमें से करीब 600 फ्लैट पहले ही बेचे जा चुके हैं. ये टॉवर सुपरटेक के इमेराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा हैं.
सुपरटेक कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि इन टॉवरों का निर्माण भवन के मंजूर नक्शे के अनुरूप किया गया है और इसमें किसी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल को इन दो टॉवरों को गिराने का आदेश देने के साथ ही कंपनी को फ्लैट खरीदने वालों को उनकी रकम लौटाने का निर्देश दिया था.
क्या है केस
उच्च न्यायालय ने इमेराल्ड कोर्ट ओनर्स रेजीडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर यह फैसला सुनाया था. एसोसिएशन का आरोप था कि इन टॉवरों का निर्माण उत्तर प्रदेश अपार्टमेन्ट कानून का उल्लंघन करके किया गया है.
याचिकाकर्ता का दावा था कि नोएडा प्राधिकरण ने इन टॉवरों की ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति दी थी. ये टॉवर पहले 24 मंजिल के बनने थे और इनके साथ वाले भवन ब्लॉक से 16 मीटर की दूरी अनिवार्य थी लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है और इस वजह से यह असुरक्षित हैं. इससे रोशनी और हवा भी बाधित हो रही है.
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